स्वामी जी आजादी के प्रथम स्वप्नद्रष्टा व सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे, उनकी शिक्षाओं को सदा जीवन में अपनाना चाहिए – प्रिंसिपल श्रीमति अजय सरीन
टाकिंग पंजाब
जालंधर। हंसराज महिला महाविद्यालय में महर्षि दयानन्द सरस्वती जी व महात्मा आनन्द स्वामी जी को उनके निर्वाण दिवस पर यज्ञ संपंन कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर आर्य युवति सभा के सभी सदस्यों तथा महात्मा हंसराज संवेदना समिति की सदस्य छात्राओं ने भाग लिया। यज्ञोपरान्त प्राचार्या डॉ. श्रीमती अजय सरीन ने दोनों समितियों के इस आयोजन के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसी महान् विभूतियों के आगे हमें सदा ही नतमस्तक होना चाहिए क्योंकि उनकी तपस्या, कर्मनिष्ठा, दूरदर्शिता का प्रणाम है कि हम आज इस स्वतन्त्र भारत में विचरण कर रहें हैं।
उन्होंने कहा कि स्वामी जी आजादी के प्रथम स्वप्नद्रष्टा व सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। उनकी शिक्षाओं को सदा जीवन में अपनाना चाहिए। इसी सभा में श्रीमती नवरूप ने विद्यार्थियों को आर्य समाज तथा डीएवी की महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि हम सभी बड़े ही सौभाग्यशाली है कि हम उन महान् विभूतियों द्वारा बनाई गई संस्थाओं में कार्यरत है। सुपरिटेंडेंट जनरल श्री लखविन्दर सिंह ने कहा कि आर्य समाज व डीएवी पूरे भारत में फैला हुआ है और शिक्षा के साथ समाज कल्याण के प्रत्येक क्षेत्र में अपना योगदान दे रहा है।
सुपरिटेंडेंट अकाऊंटस श्री पंकज ज्योति ने कहा जब भी इन दिव्य आत्माओं के विषय में जानने का अवसर मिलता है, एक नई ऊर्जा का संचार हो जाता है। इस अवसर पर शहनाज फातमा एसिसटेंट सैक्रेटरी आर्या युवति सभा, वंशिका, गुणप्रीत, जाह्नवी ने भी महात्मा आनन्द स्वामी जी तथा महर्षि की शिक्षाओं को अन्य विद्यार्थियों के साथ सांझा किया। यज्ञोपरांत महान् ऋषियों द्वारा बताए गए परोपकार के मार्ग को अपनाते हुए विद्यार्थियों ने पिंगलवाड़ा में मिष्ठान, फल इत्यादि खाने पीने का समान वितरित किया।
डीन वैदिक अध्ययन समिति डॉ. श्रीमती ममता ने कार्यक्रम के अन्त में इस सभा में उपस्थित टीचिंग, नॉन टीचिंग व विद्यार्थी वर्ग का धन्यवाद व्यक्त किया। यज्ञ संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ द्वारा सम्पंन करवाया गया। मंच संचालन की भूमिका भी डॉ. मीनू तलवाड़ ने निभाई। शान्ति पाठ के साथ यज्ञ सम्पंन हुआ।