जम्मू-कश्मीर के लोगों ने मुझे हैंड ग्रेनेड नहीं बल्कि दिल खोलकर प्यार दिया- राहुल गांधी
टाकिंग पंजाब
श्रीनगर। राहुल गांधी की 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा आज सोमवार को श्रीनगर में भारी बर्फबारी के बीच खत्म हो गई। यात्रा की क्लोजिंग सेरेमनी शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में की गई। क्लोजिंग सेरेमनी की रैली में राहुल गांधी ने कहा कि मैं अब जम्मू-कश्मीर के लोगों से और सेना-सुरक्षा बलों से कुछ कहना चाहता हूं। देखिए मैं हिंसा को समझता हूं। मैंने हिंसा सही है, देखी है। उन्होंने आगे कहा कि मैंने सोचा जो मुझसे नफरत करते हैं, उन्हें एक मौका दूं कि मेरी सफेद शर्ट का रंग बदल दें, लाल कर दें। मेरे परिवार ने, गांधीजी ने मुझे सिखाया है कि अगर जीना है तो डरे बिना जीना है, नहीं तो जीना नहीं है। मैंने मौका दिया कि 4 दिन चलूंगा, बदल दो इस टी-शर्ट का रंग लाल कर दो। देखा जाएगा। मगर जो मैंने सोचा था, वही हुआ। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने मुझे हैंड ग्रेनेड नहीं बल्कि दिल खोलकर प्यार दिया व गले लगाया। राहुल गांधी ने कहा कि जो मैं अभी कह रहा हूं ये बात प्रधानमंत्री व अमित शाह जी को नहीं समझ आएगी। ये बात कश्मीर को समझ आएगी, सीआरपीएफ व आर्मी के परिवार वालों को समझ आएगी। मैं 14 साल का था उन्होंने मुझे कहा कि दादी को गोली लग गई। फिर मुझे गाड़ी में वापस ले गए, फिर मैंने वो जगह देखी जहां मेरी दादी का खून था। जो हिंसा करवाते है, मोदीजी हैं, अमित शाहजी हैं, अजित डोभाल जी हैं… वो दर्द को समझ नहीं सकते। हम दर्द को समझ सकते हैं। राहुल गांधी ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि जो हिंसा नहीं सहता है, जिसने हिंसा नहीं देखी है, उसे यह बात समझ नहीं आएगी। जैसे मोदी जी हैं, अमित शाह जी हैं, संघ के लोग हैं, उन्होंने हिंसा नहीं देखी है, डरते हैं। यहां पर हम 4 दिन पैदल चले। गारंटी देता हूं कि भाजपा के कोई नेता ऐसे नहीं चल सकते हैं। इसलिए नहीं कि जम्मू-कश्मीर के लोग उन्हें चलने नहीं देंगे, इसलिए क्योंकि वे डरते हैं। इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि हर हिंदुस्तानी देश में एकता व शांति चाहता है। जो राजनीति तोड़ती है, उस राजनीति से भलाई नहीं हो सकती। भारत जोड़ो यात्रा एक आध्यात्मिक यात्रा रही है।देश राहुल गांधी में आशा की किरण देख सकता है- महबूबा मुफ्ती
इस यात्रा के दौरान महबूबा मुफ्ती ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि राहुल, आपने कहा था कि तुम कश्मीर में अपने घर आ गए हो। यह तुम्हारा घर है। मुझे उम्मीद है कि गोडसे की विचारधारा ने जम्मू-कश्मीर से जो छीन लिया, वह इस देश से वापस मिल जाएगा। गांधी जी ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में आशा की किरण देख सकते हैं। आज देश राहुल गांधी में आशा की किरण देख सकता है।