फोरेंसिक विज्ञान के छह अलग-अलग डोमेन पर 100 से अधिक वैज्ञानिकों ने पेश की प्रस्तुतियां
टाकिंग पंजाब
जालंधर। गुजरात राज्य में दुनिया की पहली नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी ने फॉरेंसिक हैकाथॉन 2023 व कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। वहां पर एलपीयू के तीन शोधकर्ताओं ने आपराधिक जांच और अनुसंधान में नवीनतम फोरेंसिक प्रथाओं को आगे बढ़ाया, जिसकी सभी ने सराहना की। इस दौरान इनोवेशन व रिसर्च के माध्यम से जांच को बढ़ावा देना, एक अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण विषय पर विचार किया गया। एलपीयू के पीएचडी स्कॉलर्स में से एक अनुराधा संधू ने प्रो-एक्टिव फॉरेंसिक जांच के लिए एडवांस एडसॉर्बेंट मटेरियल पर अपना महत्वपूर्ण शोध प्रस्तुत किया। इस पर अनुराधा संधू ने कहा कि सुपर ‘नॉवेल ग्रीन हाइड्रोजेल’ निश्चित रूप से अपराध स्थल पर प्राप्त सबूतों के संग्रह, पहचान व संरक्षण के एक उपकरण के रूप में काम करेगा। इसके अलावा यह कम लागत वाली, पर्यावरण के अनुकूल, संभालने में आसान व कुशल है। एक अन्य पीएचडी स्कॉलर अदिति शर्मा ने कहा कि स्मार्ट सामग्री में गुणों व अनुप्रयोगों की विस्तृत श्रृंखला होती है। यह भविष्य में गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक, पारंपरिक सेंसर, बारकोड व इम्प्लांट्स को भी बदल सकते हैं। इस सम्मेलन में फोरेंसिक विज्ञान के छह अलग-अलग डोमेन पर 100 से अधिक वैज्ञानिक पोस्टर व मौखिक प्रस्तुतियां भी पेश की गईं थीं।