पंजाब पुलिस की नाकाबंदी हुई फेल.. लुधियाना में करीब 1 घंटा आटो पर घूमता रहा अमृतपाल सिंह 

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अमृतपाल सिंह ने अपने साथी पप्पलप्रीत सिंह के साथ ऑटो में किया करीब 16 किलोमीटर का सफर तय, पुलिस को खबर तक नहीं..

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लुधियाना। वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह की तालाश में पंजाब के साथ साथ कईँ राज्यों की पुलिस लगी हुई है, लेकिन एक बड़ी खबर सामने आई है कि पंजाब में इतनी नाकाबंदी होने के बाद भी अमृतपाल सिंह लुधियाना में करीब 1 घंटा घूमता रहा। इसकी खबर न तो पुलिस को लगी व न ही खुफिया एजेंसियां इस बात का पता लगा सकी। खबर है कि अमृतपाल सिंह ने अपने साथी पप्पलप्रीत सिंह के साथ ऑटो में करीब 16 किलोमीटर का सफर तय किया, लेकिन इन 16 किलोमीटर पर या तो कोई पुलिस का नाका नहीं था, या फिर पुलिस की यह बहुत बड़ी लापरवाही हो सकती है। पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के बीच अमृतपाल पंजाब से बाहर कैसे चला गया, इस पर हाई कोर्ट भी सवाल उठा चुकी है। सुनवाई दौरान कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर अमृतपाल के भागने को पंजाब पुलिस व इंटेलिजैंस की लापरवाही बताया था।

   हैरानी की बात तो यह है कि अमृतपाल सिंह साथी पप्पलप्रीत सिंह के साथ महानगर के 10 मुख्य चौंक से ऑटो में बैठ गुजरा। अमृतपाल ने साथी के साथ ऑटो में सवार होकर मुख्य चौक लाडोवाल, जालंधर बाइपास, काराबारा चौक, शिव पुरी चौक, बस्ती जोधेवाल चौक, ताजपुर चौक, समराला चौक, ट्रांसपोर्ट नगर चौक, ओसवाल चौक और शेरपुर चौक आसानी से पार कर लिया। इतना ही नहीं, शहर को पार करने के बाद हाईवे नाकाबंदी भी फेल नजर आ रही है। इसका कारण यह है कि अमृतपाल सिंह ने दोराहा, खन्ना, मंडी गोबिंदगढ़, सरहिंद व शंभू बॉर्डर आदि हाईवे पर होने वाली नाकाबंदी को भी आसानी से पार कर लिया।
    सच्च तो यह है कि पंजाब में हाई अलर्ट व पूरी तरह से नाकाबंदी होने का दावे करने वाली पुलिस की नाक के नीचे से अमृतपाल निकल गया। सोचने की बात यह है कि अगर पंजाब पुलिस हर नाके व हर चौंक पर मौजूद है तो अमृतपाल सिंह व उसका साथी 10 चौंक बिना किसी चेकिंग के कैसे पार कर गए ?। उधर आईजी सुखचैन सिंह गिल के मुताबिक रात के समय आरोपी ने पहले नाव की तालाश की ताकि वह दरिया पार कर सके, लेकिन नाव न मिलने पर वह रेलवे लाइनों की तरफ जाने लगा। उसमें भी कामयाब नहीं हुआ। इन दोनों ने लाडोवाल पुल से जालंधर बाइपास के लिए किराए पर ऑटो किया व जालंधर बाइपास से ऑटो-रिक्शा की मदद से वह शेरपुर चौंक पहुंच गए।
     कहा जा रहा है कि शेरपुर चौंक तक पहुंचने के लिए 2 ऑटो रिक्शा अमृतपाल ने बदले व शेरपुर चौंक से बस पकड़ी व लुधियाना से निकल गया। इन 10 चौक पर तैनात पुलिस कर्मचारियों पर अब सीनियर अधिकारी लापरवाही बरतने पर क्या कार्रवाई करेंगे ? जब इस सारे घटनाक्रम की सीसीटीवी फुटेज सामने आई तो पुलिस अब लकीर पीटती नजर आ रही है। अमृतपाल सिंह व उसका साथी महानगर में तीन जगहों पर सीसीटीवी में कैद हुए। इसमें लाडोवाल, जालंधर बाइपास व शेरपुर चौक शामिल हैं। पुलिस से बचने के लिए अमृतपाल सिंह उसी वेशभूषा में था, जिसमे वह मोटर साइकिल चलाते हुए देखा गया था। पुलिस ने करीब सवा दस बजे अमृतपाल सिंह व उसके साथी को शेरपुर चौक से एक बस में चढ़ते देखा है।
  पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस को ऑटो रिक्शा चालक का भी पता लगा लिया है। फिलहाल पुलिस की इतनी बड़ी लापरवाही से सरकार व पुलिस पर काफी उंगिलयां उठ रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार अमृतपाल सिंह अपने साथी पप्पलप्रीत सिंह के साथ लुधियाना से कुरुक्षेत्र तक पकड़ी बस व कुरुक्षेत्र पहुंच गया। वहीं दूसरी तरफ अमृतपाल की तलाश को लेकर उत्तराखंड और नेपाल बॉर्डर पर सख्ती कर दी गई है। अनुमान है कि अमृतपाल सिंह नेपाल बॉर्डर क्रॉस करके भागने का प्रयास कर सकता है। हालांकि अमृतपाल की गिरफ्तारी को लेकर सरकार व पुलिस पूरी कोशिश में लगी हुई हैं, लेकिन अभी तक वह पुलिस की पहुंच से दूर बना हुआ है।

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