ईडी की शक्तियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में की गई सुनवाई… कोर्ट ने ठुकराई केंद्र की मांग…

आज की ताजा खबर देश
Spread the love

याचिकाओं को कई मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के आरोपियों ने दायर किया है व कोर्ट इस मामले पर सुनवाई जारी रखेगा- सुप्रीम कोर्ट

टाकिंग पंजाब

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शक्तियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर माननीय सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। इस संबंध में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सॉलिसिटर जनरल से सहमत या असहमत हो सकते हैं लेकिन उनको सुनवाई शुरू करने दी जाए। जिन याचिकाओं पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है इन्हें कई मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के आरोपियों ने दायर किया है व कोर्ट इस मामले पर सुनवाई जारी रखेगा। केंद्र की तरफ से एसजी तुषार मेहता ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि पहले याचिकाओं में केवल 2 प्रावधानों की वैधता को चुनौती दी गई थी, लेकिन अब कई अन्य प्रावधानों को चुनौती दी गई है।       जब तक कि अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था एफएटीएफ मनी लॉन्ड्रिंग अपराधों से निपटने के लिए मूल्यांकन पूरा नहीं कर लेती, तब तक राष्ट्रहित में कम से कम एक महीने तक सुनवाई न हो। उन्होंने आगे कहा था कि साल 2022 का फैसला तीन जजों का था, जिस पर पुनर्विचार याचिका लंबित है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की ये बेंच सुनवाई नहीं कर सकती लेकिन जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने केंद्र की इस दलील को खारिज कर दिया।       तुषार मेहता की इस बात को लेकर जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि हमें सुनवाई करने से कोई रोक नहीं सकता व सुनवाई के दौरान हम तय करेंगे कि हम सुनवाई कर सकते हैं या नहीं। दरअसल इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल बेंच का गठन किया गया है व जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। 27 जुलाई 2022 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई गिरफ्तारी, जब्ती और जांच की प्रक्रिया को बरकरार रखा था।        सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिंदबरम और महाराष्‍ट्र सरकार के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख समेत 242 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था। बता दें कि पीएमएलए वर्तमान में देश के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानून है। इसको लेकर अक्तूबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मांग ठुकराते हुए कहा था कि वो पीएमएलए प्रावधानों की समीक्षा करेगा। पीएमएलए प्रावधानों की जांच राष्ट्रीय हित में हो सकती है व सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ ने कुछ पीएमएलए प्रावधानों की समीक्षा को “राष्ट्रीय हित में” एक महीने के लिए स्थगित करने की केंद्र की मांगा को खारिज कर दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *