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रोबोट ऐडेड सर्जरी कम रक्तस्राव, कम दर्द व तेजी से रिकवरी को सुनिश्चित करती है- डॉ. कुलदीप ठाकुर
प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि एक 79 वर्षीय महिला फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में बाएं टॉन्सिल पर एक ठीक न होने वाली घाव के साथ आई, जो पास के तालू में फैल चुकी थी। लक्षण अधिक बिगड़ चुके थे, जिससे भोजन चबाने में कठिनाई हो रही थी। मरीज ने एक अन्य अस्पताल में बायोप्सी करवाई, जिसमें सलिवरी ग्लैंड ट्यूमर का पता चला और इसके लिए तत्काल सर्जरी की आवश्यकता थी। मरीज ने डॉ. ठाकुर से फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में संपर्क किया, जहां मुंह और गले का एमआरआई जांच में स्टेज 3 टॉन्सिल ट्यूमर की पुष्टि हुई।
तीन घंटे तक चली रोबोट ऐडेड सर्जरी के दौरान उन्होंने मुंह के माध्यम से ट्यूमर का व्यापक रेजेक्शन व गले से नोड्यूल्स को गले की डिसेक्शन द्वारा निकाला। मरीज की पोस्ट-ऑपरेटिव रिकवरी सुचारू रही और सर्जरी के तीन दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई। अंतिम हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट में भी ट्यूमर की पूरी तरह से हटाने की पुष्टि हुई। मरीज अब पूरी तरह से ठीक हो चुकी है और आज सामान्य जीवन जी रही है। इस दौरान डॉ. ठाकुर ने कहा कि यह मामला जटिल था क्योंकि इसमें टॉन्सिल और तालू शामिल थे, जो बोलने और निगलने के कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
चिकित्सा हस्तक्षेप में कोई भी देरी से ट्यूमर बढ़ सकता था, जिससे बोलने में समस्या होती और सांस लेने में कठिनाई हो सकती थी। डॉ. ठाकुर ने कहा कि एक हेड और नेक कैंसर सर्जन सबसे अच्छे चिकित्सा परिणाम प्रदान कर सकता है, जैसे कि ट्यूमर का पूर्ण रूप से निष्कासन, उचित पुनर्निर्माण और इलाज के दौरान और बाद में सबसे अच्छे संभव पुनर्वास। परंपरागत सर्जरी में 7-10 दिनों की सामान्य अस्पताल में भर्ती की तुलना में, रोबोट ऐडेड सर्जरी से रक्तस्राव कम होता है, जल्दी मुंह से खाना शुरू किया जा सकता है, अस्पताल में भर्ती की अवधि कम होती है और तेजी से रिकवरी होती है।
रोबोट ऐडेड सर्जरी इनवेसिव सर्जरी का नवीनतम रूप है और यह ऑपरेटिव क्षेत्र का 3डी दृश्य प्रदान करती है, जिसे विशेष कैमरे के माध्यम से मरीज के शरीर में डाला जाता है। शरीर के ऐसे हिस्से जो मानव हाथ से पहुंचने में कठिन होते हैं, उन्हें रोबोट ऐडेड हाथों के द्वारा 360 डिग्री घुमाकर पहुंचा जा सकता है। डॉ. कुलदीप ठाकुर ने कहा कि जटिल हेड और नेक कैंसर के सर्जिकल प्रबंधन में व्यापक प्रशिक्षण लिया है। अब तक उन्होंने 1,000 से अधिक सफल सर्जरी की हैं।

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