Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the news-portal domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\cavarunsharma.in\talkingpunjab.in\wp-includes\functions.php on line 6131 एचएमवी में रिबूटिंग प्रोग्राम नव सृजना सम्मान समारोह- 2025 का दूसरा दिन व समापन समारोह आयोजित – My CMS
ऐसे कार्यक्रम वास्तव में मातृभाषा के विकास में सराहनीय कदम है- प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन
टाकिंग पंजाब
जालंधर। हंसराज महिला महाविद्यालय जालंधर में प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन के योग्यात्मक दिशा-निर्देशन में पीजी पंजाबी विभाग व पंजाब कला परिषद चंडीगढ़ के सहयोग से महिंदर सिंह रंधावा, सुरजीत पातर एवं मातृभाषा को समर्पित महाउत्सव, सम्मान समारोह (पंजाब गौरव एवं मातृभाषा सम्मान-2025) का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। समागम का शुभारंभ संस्था परंपरानुसार ज्ञानात्मक ज्योति प्रज्जवलित कर डीएवी गान एवं प्राचार्या डॉ. अजय सरीन द्वारा गणमान्य सदस्यों, मुख्य वक्ताओं को ग्रीन प्लांटर भेंट कर हार्दिक अभिनंदन से किया गया। प्रथम सत्र में चिंतन सत्र का मुख्य विषय तू ते मैं (आधुनिक पंजाबी कविता में स्त्री-पुरुष संवाद) रहा। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. सकून सिंह (डीएवी चंडीगढ़), डॉ. रमनीता सैनी शारदा (एचएमवी, जालंधर) उपस्थित रहे। इस सत्र की प्रधानता डॉ. तजिंदर हरजीत ने की। इस सत्र के पैनल में सरबजीत कौर काहलों कैनेडा, शीतल ठाकुर (जर्नलिस्ट), सिमरनप्रीत कौर (असिस्टैंट प्रोफेसर, गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी कालेज, जालंधर) उपस्थित रहे। डॉ. सकून सिंह ने शिव कुमार बटालवी की कविता लूना पर संवाद प्रस्तुत किया। डॉ. रमनीता सैनी शारदा ने स्त्री- पुरुष दार्शनिक धारणा पर संवाद प्रस्तुत कर डॉ. नवरूप कौर, बीबा बलवन्त की कविताओं का संदर्भ प्रस्तुत किया। डॉ. तजिंदर हरजीत ने अपने वक्तव्य में स्त्री-पुरुष के संबंध में संतुलन पर बात की तथा कहा कि ‘तू ते मैं आपा बने, आपा फिर जहान बने।’ मंच संचालन डॉ. वीना अरोड़ा द्वारा किया गया। चिंतन सत्र की द्वितीय बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. मेघा सलवान (गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर), डॉ. अमरदीप कौर (एसडीएम डीएवी चंडीगढ़) उपस्थित रहे जिन्होंने मातृ भाषा व सुरजीत पातर की कविताओं पर विस्तृत चर्चा की। इस सत्र की प्रधानता प्रिंसिपल लायलपुर खालसा कालेज फॉर वुमैन जालंधर डॉ. नवजोत कौर ने की। जिन्होंने मातृभाषा के प्रति पूर्ण समर्पण हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि स्वरूप रमिन्दर कौर, प्रवासी लेखिका कैनेडा उपस्थित रही। प्राचार्या डॉ. अजय सरीन ने अपने वक्तव्य में पंजाबी विभाग के इस प्रयास हेतु विभागाध्यक्ष डॉ. नवरूप कौर को बधाई दी एवं कहा कि ऐसे कार्यक्रम वास्तव में मातृभाषा के विकास में सराहनीय कदम है। गणमान्य सदस्यों को उन्होंने पंजाबी सभ्याचार की प्रतीक फुलकारी भेंट कर हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित भुल्लर, प्रिंसिपल डीएवी स्कूल का हार्दिक स्वागत किया। सत्र का संचालन सतिन्दर कौर द्वारा निभाया गया। साहित्य और स्क्रीन बैठक तीन में विशिष्ट अतिथि के रूप में बीबा बलवंत ने उपस्थित रह कर समागम को शोभायमान किया। इस अवसर पर हरजीत सिंह प्रधान पंजाब डिजीटल आर्ट्स एवं सिनेमा अकादमी, चंडीगढ़ द्वारा निर्मित दस्तावेजी फिल्म ‘मैं इक दिन फेर आऊनाहै’ प्रस्तुत की गई। इसी अवसर पर डॉ. रमा शर्मा एवं छात्रा साक्षी बन्दौला, जेएमसी विभाग द्वारा निर्मित डाक्यूमेंट्री फिल्म लज्जा दी दरगाह प्रस्तुत की गई। डॉ. नवरूप कौर एवं छात्रा अमनजीत कौर, पोस्ट ग्रेजुएट पंजाबी विभाग एचएमवी जालंधर द्वारा कविता मैं ते कविता ’ संगीत विभाग के सहयोग से प्रस्तुत कर सुरजीत पातर के प्रति नमन प्रस्तुत किया गया। मंच संचालन डॉ. संदीप कौर (पंजाबी विभाग) द्वारा किया गया। समागम के अंत में डॉ. मनदीप कौर (अध्यक्ष पंजाबी साहित्य सभा) द्वारा सभी गणमान्य सदस्यों व आयोजनकर्ताओं, मैनेजमेंट के प्रति आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर मौजूद टैक्निकल टीम के प्रति भी आभार व्यक्त किया गया।