Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the news-portal domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\cavarunsharma.in\talkingpunjab.in\wp-includes\functions.php on line 6131 मिशन फ्तेह पंजाब 2027 को लेकर पंजाब कांग्रेस की तैयारी शुरू.. गिले शिकवे भुलाने की क्वायाद – My CMS
प्रभारी बघेल की अगुआई में हुई कांग्रेस की मीटिंग में पहुंचे कईं सीनियर लीडर .. पार्टी में पड़ी फूट पर भी हुई चर्चा
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस पार्टी में नया जोश भर दिया है। कांग्रेस ने राज्य की 13 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि राज्य की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी को तीन सीटें मिलीं। इसी जोश से लबा-लब कांग्रेस ने मिशन 2027 पर काम करना शुरू कर दिया है। पहले हरियाणा और फिर दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली असफलता के बाद पंजाब कांग्रेस ने दो साल बाद यानी 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। मिशन-2027 के लिए पार्टी के नए प्रभारी व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुआई में पंजाब कांग्रेस के नेताओं की दिल्ली में बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस पार्टी की सारी सीनियर लीडरशिप एक साथ इस मीटिंग में रही। मीटिंग में पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, सुखविंदर सिंह रंधावा, पंजाब अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, प्रताप सिंह बाजवा, भारत भूषण आशु, सभी सांसद व पूर्व विधायक व मंत्री मौजूद रहे। इस मीटिंग में कोशिश यह ही रही कि नेताओं के गिले-शिकवे दूर किए जाए व एक दूसरे खिलाफ बयान बाजी रोकी जाए। इस बैठक में राज्य के हालात के बारे में भी बताया जा रहा है और पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी पर ब्रेक लगाना बहुत जरूरी है। चर्चा यह भी रही कि आने वाले समय में सत्ताधारी सरकार को घेरने के लिए भी नई रणनीति तैयारी जाएगी, हालांकि पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी कोई नया मुद्दा नहीं है। यह सवाल जब कार्यकर्ता ही पार्टी नेताओं से करने लगे तो यह चीज और भी अहम हो जाती है। दरअसल ‘जुड़ेगा ब्लॉक- जीतेगी कांग्रेस’ मुहिम कांग्रेस ने इन दिनों शुरू की गई है। डेराबस्सी में एक कार्यकर्ता ने सीनियर नेताओं की मौजूदगी में गुटबाजी को लेकर उठा दिया। इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि गुट हमेशा बनते आए हैं और आगे भी बनते रहेंगे, लेकिन इसी गुटबाजी और आपसी लड़ाई ने पिछले चुनाव में कांग्रेस की सीटें 58 से घटाकर 18 कर दी थीं। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस ही एकमात्र राज्य इकाई है जहां प्रदेश अध्यक्ष और सीएलपी नेता के बीच कोई मतभेद नहीं है। दरअसल कांग्रेस के लिए पंजाब राज्य काफी अहम है, क्योंकि यहां पार्टी का मजबूत आधार है। भले ही 2022 में पार्टी राज्य की सत्ता से बाहर हो गई, लेकिन 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों ने पार्टी में नया जोश भर दिया है। कांग्रेस ने राज्य की 13 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि राज्य की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी को तीन सीटें मिलीं। वहीं, अकाली दल को एक सीट, निर्दलीयों को दो सीटें मिलीं। भाजपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई। हालांकि, वोट प्रतिशत के मामले में भाजपा तीसरे स्थान पर जरूर पहुंच गई, जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा में कांग्रेस को पांच और भाजपा को पांच सीटें मिलीं। इस बार 2027 में होने वाले चुनाव में सत्ताधारी पार्टी आप की हालत कुछ ज्यादा ठीक नहीं लग रही है। इसके चलते 2027 का चुनाव कांग्रेस के लिए एक बेहतरीन मौका है, जिसके चलते कांग्रेस इस मौके को भुनाने में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती है।