
पाकिस्तान ने ही परिषद से भारत से तनाव के बीच स्थिति पर “बंद कमरे में परामर्श” का किया था अनुरोध
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बंद कमरे में एक बैठक की है। इस बैठक में मौजूद सदस्य देशों ने पहलगाम में भारतीयों पर हुए हमले की निंदा की व भारत और पाकिस्तान को संयम बरतने, बातचीत से रास्ता निकालने का आह्वान किया। इन 15 देशों की सुरक्षा परिषद की यह बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चकी लेकिन बैठक के बाद परिषद की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया। माना जा रहा है कि यूएन सुरक्षा परिषद में भी पाकिस्तान को नामोशी ही मिली है व परिषद ने कोई सार्थक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
पाकिस्तान अभी वर्तमान में इस शक्तिशाली परिषद का एक अस्थायी सदस्य है और उसने ही अपने परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसी, यानी भारत से तनाव के बीच स्थिति पर “बंद कमरे में परामर्श” का अनुरोध किया था। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने बैठक के बाद मीडिया को इससे जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य यह था कि परिषद के सदस्यों को बिगड़ते सुरक्षा माहौल और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चर्चा करने और स्थिति से निपटने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाया जा सके। इसमें टकराव से बचना भी शामिल है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उधर संयुक्त राष्ट्र में ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि इवेंजेलोस सेकेरिस ने बैठक को मददगार बताया।
तनाव कम करने में परिषद की भूमिका पर सवालों के जवाब में सेकेरिस ने कहा कि सुरक्षा परिषद ऐसे प्रयासों में हमेशा मददगार रहती है। बैठक से बाहर आते हुए एक रूसी राजनयिक ने कहा कि हमें तनाव कम होने की उम्मीद है। सुरक्षा परिषद की बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा था कि ऐसी चर्चा से किसी परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती है, जहां संघर्ष का एक पक्ष यानी पाकिस्तान परिषद की अपनी सदस्यता का उपयोग करके धारणाओं को आकार देना चाहता है। भारत ऐसे पाकिस्तानी प्रयासों की अनदेखी करेगा। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि अतीत की तरह आज भी पाकिस्तान की दादागीरी फिर से विफल हो गई है। जैसा कि अपेक्षित था कि परिषद द्वारा कोई सार्थक प्रतिक्रिया नहीं दी गई।
भारतीय कूटनीति ने सुरक्षा परिषद के हस्तक्षेप की मांग करने के पाकिस्तानी प्रयासों को एक बार फिर सफलतापूर्वक विफल कर दिया है दूसरी तरफ बंद कमरे में विचार-विमर्श से कुछ ही घंटे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव सालों में सबसे ऊंचे स्तर पर होने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह पहलगाम में “भयानक आतंकवादी हमले” के बाद “रॉ फिलिंग” को समझते हैं और उस हमले की अपनी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि “नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है। जिम्मेदार लोगों को विश्वसनीय व वैध तरीकों से न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। गुटेरेस ने जोर देकर कहा कि यह आवश्यक है, विशेष रूप से इस महत्वपूर्ण समय में, ताकि एक सैन्य टकराव से बचा जाए जो आसानी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है।









