Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the news-portal domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\cavarunsharma.in\talkingpunjab.in\wp-includes\functions.php on line 6131 रोहित शर्मा की पत्नी ने आवारा कुतों को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को बताया गलत – My CMS
इंस्टा स्टोरी पर लिखा, ‘वो उसे खतरा कहते हैं, हम धड़कन.. बोली, आज कुत्ते हैं, कल कौन होगा ?
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। हाल ही में आवारा कुतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ाफैंसला सुनाते हुए दिल्ली एनसीआर से इन सभी कुतों को हटाने के आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के बाद किसी ने इसे बढियाफैंसला करार दिया है व कुछ एनिमल लवर इसे गलत आदेश मान रहे हैं। इन एनिमल लवर में भारतीय किक्रेट के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा की पत्नी का नाम भी जुड़ गया है। रोहित शर्मा की पत्नी रितिका ने बातों ही बातों में इस फैंसले की निंदा की है। रितिका ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर लिखा, ‘वो उसे खतरा कहते हैं, हम धड़कन, आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से हर एक आवारा कुत्ते को उठाकर बंद कर दो। न धूप, न आजादी, न ही वो जाने-पहचाने चेहरे जिन्हें वो हर सुबह देखते हैं, लेकिन यह सिर्फ आवारा कुत्ते नहीं हैं। यह वो हैं जो चाय की दुकान के बाहर बिस्किट के लिए आपका वेट करते हैं। यह दुकानदारों के लिए साइलेंट गार्ड्स हैं। यह अपनी टेल वेग करते हैं जब बच्चे स्कूल से आते हैं। वह ठंडे, बेपरवाह शहर में गर्माहट हैं। हां, कुछ परेशानियां हैं, काटना, सुरक्षा की चिंताए। लेकिन, जानवरो की एक पूरी कम्यूनिटी को केज में बंध कर देना इसका समाधान नहीं है, बल्कि उनको खत्म करना है। असली हल क्या है ? बड़े पैमाने पर नसबंदी कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण अभियान, कम्यूनिटी फीडिंग जोन और अडॉप्ट करने के अभियान। उन्हें सजा देना या कैद करना सही नहीं। एक समाज जो अपने बेजुबानों को बचा नहीं सकता है वो अपनी इंसानियत खो रहा है। आज कुत्ते हैं, कल कौन होगा ? अपनी आवाज उठाओ, क्योंकि उनके पास है नहीं, प्लीज इसको शेयर करें।’ रीतिका के इस पोस्ट के बाद से कईं तरह की प्रतिकि्रयाएं आ रही हैं। हालांकि यह रितिका की अपनी प्रतिकि्रया है व इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का फैंसला भी बदलने वाला नहीं है, लेकिन आप इस बारे में क्या सोचते हैं, यह जानना बहुत जरूरी है। जहां एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए लोग इसे नागरिक सुरक्षा के लिए जरूरी मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पशु-प्रेमी और एक्टिविस्ट इसे क्रूर और अव्यावहारिक बता रहे हैं। रितिका सजदेह का यह बयान इस बहस को और तेज कर सकता है, खासकर सोशल मीडिया पर जहां यह मुद्दा पहले से ही ट्रेंड में है।