पाकिस्तान से आए हिंदुओं को सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत.. शरणार्थियों को हटाने पर लगाई रोक

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दिल्ली के मजनू का टीला पर रह रहे हैं पाकिस्तान से आए 300 हिंदू परिवार .. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया था ​इन्हें हटाने का आदेश

टाकिंग पंजाब

नईं दिल्ली। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने हिंदू शरणार्थियों को हटाने का आदेश जारी किया था। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली के मजनू का टीला में रहने वाले पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को बड़ी राहत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैंसले को रद्द करके इन लोगों को इस इलाके से हटाने पर रोक लगा दी है। इस आदेश के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और डीडीए को भी नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने हिंदू शरणार्थियों को हटाने का आदेश जारी किया था।    दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को लेकर कोर्ट में बहस हुई। इस दौरान शरणार्थियों के पुनर्वास और उनके ट्रांसफर को लेकर कहा गया कि इसका कोई उचित समाधान नहीं निकला। इस मामले को लेकर गृह मंत्रालय ने कोर्ट में कहा था कि शरणार्थियों के पुनर्वास का काम मंत्रालय के अधीन नहीं आता है, ये काम डीडीए को करना है। वहीं इन लोगों को नागरिकता देने के सवाल पर कहा गया था कि शरणार्थी नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस दौरान हाईकोर्ट ने विभागों में फाइलें घूमते रहने का जिक्र करते हुए नाराजगी भी जताई थी। हालांकि हाईकोर्ट ने पाकिस्तान से आए इन हिंदुओं को राहत नहीं दी और कहा कि शरणार्थियों को उस जगह पर बने रहने का कोई भी कानूनी अधिकार नहीं है। दरअसल 30 मई के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों पर सुप्रीम कोर्ट ने अब रोक लगा दी थी। ⁠दिल्ली हाईकोर्ट ने शरणार्थियों को हटाने के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज भी कर दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट के इस फैसले को शरणार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। ⁠वकील विष्णु शंकर जैन ने हाईकोर्ट के फैसले पर एक पक्षीय अंतरिम रोक लगाने की मांग भी की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैंसला सुनाया है।   आपको बता दें कि पिछले कई सालों से दिल्ली के मजनू का टीला नाम की जगह पर पाकिस्तान से आए 300 हिंदू परिवार रह रहे हैं। यह सभी हिंदू शरणार्थी इस आस में आए हैं कि उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी। यह लोग टीन के शेड या फिर टेंट लगाकर यहां रहते हैं और अपने बच्चों का पालन पोषण कर रहे हैं। हालांकि हर बार उन्हें यही डर सताता है कि पता नहीं कब उनका यह आशियाना भी छिन जाएगा। हाईकोर्ट के फैसले के बाद इन तमाम परिवारों पर बेदखली की तलवार लटक रही थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी है।

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