6 दिसंबर को दिल्ली दहलाने की थी साजिश.. बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर बदला लेना चाहते थे आतंकी
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। हाल ही में दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट की जांच कर रहे जांचकर्ताओं ने एक चौंकाने वाली साजिश का खुलासा किया है। कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के डॉक्टरों से जुड़े संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल ने 6 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में छह स्थानों पर विस्फोटों की योजना बनाई थी। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वह दिन था जब 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था।
विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकवादियों ने कहा है कि यह तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि वह “बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेना” चाहते थे। पूछताछ के दौरान जैश डॉक्टर मॉड्यूल सदस्यों ने भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सीरियल ब्लास्ट करने के उद्देश्य से एक आतंकी साजिश को अंजाम देने की एक सुनियोजित, चरणबद्ध योजना का खुलासा किया है। इसके चलते जैश-अंसार आतंकी मॉड्यूल का गठन किया गया।
हरियाणा के नूह व गुरुग्राम से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस व गोला-बारूद के लिए कच्चे माल की खरीद करना, घातक रासायनिक आईईडी का निर्माण व संभावित लक्षित स्थानों की टोह लेना, टोह लेने के बाद मॉड्यूल के सदस्यों के बीच इकट्ठे बमों का वितरण करना व दिसंबर में दिल्ली में छह से सात स्थानों पर बम विस्फोटों को अंजाम देना था। जांचकर्ताओं का कहना है कि मूल योजना अगस्त 2025 में हमले करने की थी, लेकिन अभियान में देरी के कारण साज़िश को एक नई तारीख़ 6 दिसंबर यानि कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के साथ चुना गया।
दिल्ली ब्लास्ट पाकिस्तान की साजिश का हिस्सा था व जिन डॉक्टरों के दिमाग में जिहादी सोच को कूट कूट कर भरा गया, उनके मंसूबे खतरनाक थे। जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि दिल्ली एनसीआर में 200 बम फटने वाले थे व आंतकी 26/11 हमले की तरह इस साजिश को अंजाम तक पहुंचने वाले थे। सूत्रों की माने तो दिल्ली एनसीआर के कई हाई प्रोफाइल ठिकानों की रेकी तक हो चुकी थी, लेकिन लाल किले के पास हुए विस्फोट में शामिल जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े मॉड्यूल को सफलतापूर्वक ध्वस्त करके अधिकारियों ने देश को अस्थिर करने की कोशिश को नाकाम कर दिया है।










