Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the news-portal domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\cavarunsharma.in\talkingpunjab.in\wp-includes\functions.php on line 6131 पंजाब के बाढ़ पुनर्वास के लिए सीटी ग्रुप के वास्तुकला और योजना विभाग का ग्लोबल सिख्स और सीआरसीआई इंडिया से सहयोग – My CMS
इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों को वास्तविक परिस्थितियों में सीखने का अवसर देना रहा
टाकिंग पंजाब
जालंधर। सीटी इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग, शाहपुर, जालंधर ने ग्लोबल सिख्स, पटियाला और सीआरसीआई इंडिया, नई दिल्ली के साथ एक महत्वपूर्ण सहयोग स्थापित किया है। यह साझेदारी पंजाब में बाढ़ प्रभावित समुदायों के पुनर्वास हेतु शिक्षा, तकनीक और मानव सेवा को एक साझा प्लेटफ़ॉर्म पर लाने की दिशा में एक सार्थक कदम है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों को वास्तविक परिस्थितियों में सीखने का अवसर देना और साथ ही प्रभावित परिवारों के पुनर्निर्माण में उनका सार्थक योगदान सुनिश्चित करना है। सहयोग के तहत विद्यार्थी फाज़िल्का और गुरदासपुर जिलों में बाढ़ से प्रभावित परिवारों के लिए सुरक्षित, किफ़ायती और टिकाऊ आवासीय डिज़ाइन तैयार करेंगे। विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में विद्यार्थी जिन गतिविधियों में भाग लेंगे, वे इस प्रकार है: -प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण -स्थानीय निर्माण सामग्रियों और तकनीकों का अध्ययन -समुदाय की ज़रूरतों के अनुरूप नवोन्मेषी और स्थायी आवासीय डिज़ाइन तैयार करना -घर-घर जाकर प्रभावित परिवारों से संवाद करके उनकी आवश्यकताओं का आकलन -पूरे कार्य का विस्तृत दस्तावेज़ रिपोर्ट, स्केच, फ़ोटोग्राफ़ और फ़ील्ड नोट्स सहित तैयार करना। सीटी ग्रुप व ग्लोबल सिख्स और सीआरसीआई का यह सहयोग विद्यार्थियों में सामाजिक ज़िम्मेदारी, संवेदनशीलता और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करता है। संस्थान का मानना है कि वास्तुकला केवल संरचनाओं के निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को पुनर्जीवित और पुनर्संगठित करने का एक सशक्त माध्यम भी है। यह साझेदारी उसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।