खुफिया एजेंसियों को आशंका.. पंजाब से फरार होकर नेपाल छुपा हुआ है अमृतपाल सिंह .. 

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भारत ने की नेपाल सरकार से अपील.. अमृतपाल को गिरफ्तार करें व हमें सौंप दें.. नेपाल में हाई अलर्ट घोषित

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नईं दिल्ली। खाल‍िस्‍तानी समर्थक अमृतपाल स‍िंह अभी तक सुरक्षा एजेंस‍ियों की पकड़ से बाहर चल रहा है। हालांकि पंजाब पुल‍िस व दूसरी सुरक्षा एजेंस‍ियां लगातार उसकी धरपकड़ के ल‍िए तमाम जगहों पर दब‍िश दे रही हैं, लेक‍िन अभी तक सब व्यर्थ ही रहा है। सूत्रों की माने तो अमृतपाल सिंह के पंजाब से फरार होकर अब नेपाल में छ‍िपे होने की खुफ‍िया जानकारी म‍िल रही है। कहा जा रहा है क‍ि भारत से भागकर अमृतपाल नेपाल में छ‍िपा हुआ है और यहां से उसके हुल‍िया बदल कर व‍िदेश भागने की आशंका है। इस मामले को लेकर भारतीय दूतावास ने नेपाल सरकार को पत्र भी ल‍िखा है।   भारतीय दूतावास ने नेपाल के सुरक्षा कर्मियों को अमृतपाल की अलग-अलग तस्वीरें भी साझा की है। दूतावास के पत्र में लिखा है कि वह या तो अपनी पासपोर्ट या किसी फर्जी पासपोर्ट पर भी सफर कर सकता है। अमृतपाल के नेपाल से दुबई, कतर, सिंगापुर, बैंकॉक भागने की योजना होने की जानकारी है, जिसके चलते। इन सभी देशों के ल‍िए भरी जाने वाली उड़ानों के विमान यात्रियों की जांच सख्ती से की जा रही है। भारतीय खुफिया विभाग को आशंका है कि अमृतपाल नेपाल से पाकिस्तानी दूतावास के सहयोग से फर्जी पासपोर्ट के सहारे भागने की कोशिश करेगा। भारत सरकार की तरफ से आधिकारिक जानकारी दिए जाने के बाद से पूरे नेपाल में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।  भारत से सटे हुए सभी सीमा नाको पर चेक जांच प्रक्रिया को सख्‍त कर द‍िया गया है व संदिग्धों पर विशेष नजर रखी जा रही है। नेपाल के भीतर कई जगहों पर दबिश दी जा रही है। काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतरराष्‍ट्रीय विमानस्थल और भैरहवा में रहे गौतम बुद्ध अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल को भी हाई अलर्ट पर रखा हुआ है। नेपाल के सभी होटल, गेस्‍ट हॉउस व लॉज में अमृतपाल की फोटो को सर्कुलेट कर दिया गया है। सूत्रों की माने तो दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भगोड़े खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के कड़े प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित करने की तैयारी कर दी है.    इसी कड़ी में खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पर एक विस्तृत डोजियर तैयार कर रही हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि एक संगठन पर प्रतिबंध लगाने के लिए हमें निर्णय लेने वाले प्राधिकरण के समक्ष उसे पकड़ने के लिए दस्तावेजी सबूत की आवश्यकता है, और इसके लिए एक फुलप्रूफ डोजियर की आवश्यकता होती है.एक रिपोर्ट के मुताबिक खुफिया एजेंसियों ने अमृतपाल के सहयोगियों को उत्तर-पूर्व और दक्षिणी राज्यों की जेलों में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया है. ताकि पंजाब में किसी की भी रिहाई के लिए अजनाला जैसी घटना को अंजाम न दिया जा सके, जहां से थाने पर हमला बोल कर खालिस्तान समर्थक अपने साथी को छुड़ा कर ले गए थे.

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