हाईकोर्ट ने अन्य मामलों के साथ अमृतपाल के इस मामले की अगली सुनवाई के लिए तय की 24 अप्रैल की तिथि
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह मामले में आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई दौरान अमृतपाल के वकील इमान सिंह खारा हाईकोर्ट में हैबियस कॉपर्स के तहत ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर पाए, जिससे अमृतपाल के अवैध पुलिस हिरासत में होने की पुष्टि हो सके। हालांकि अमृतपाल सिंह के वकील ने कहा कि उन्होंने अपना जवाब केंद्र सरकार के पास भेज दिया है, जिस पर हाईकोर्ट ने कहा कि उन्हें अपना जवाब पंजाब सरकार को देना चाहिए था। हाईकोर्ट ने अन्य मामलों के साथ अमृतपाल के इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 24 अप्रैल तय की है। आपको बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में पिछली सुनवाई पर वारिस पंजाब दे के लीगल एडवाइजर एडवोकेट इमान सिंह खारा से कहा था कि वह कोई ऐसा सबूत पेश करें कि, जिससे अमृतपाल के अवैध पुलिस हिरासत में होने का दावा साबित होता हो सके। क्योंकि अमृतपाल के फरार होने के बाद इमान सिंह खारा द्वारा हैबियस कॉपर्स के तहत अमृतपाल सिंह के पुलिस की ‘अवैध हिरासत’ में होने का दावा किया गया था। हालांकि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने अमृतपाल सिंह के मुद्दे पर सरकार व पुलिस को फटकार भी लगाई थी। हाईकोर्ट ने पुलिस से पूछा था कि अमृतपाल देश के लिए खतरा है तो उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया ? व 80 हजार पुलिस वालों के घेरे से वह कैसे भाग निकला ?। हाईकोर्ट ने इसे पुलिस का इंटेलिजेंस फेलियर करार दिया था। आपको बता दें कि हाल ही में पुलिस ने अमृतपाल सिंह के करीबी साथी पपलप्रीत की गिरफ्तार किया है। पंजाब पुलिस ने पपलप्रीत पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने बीते मंगलवार की सुबह आरोपी को अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया था। इस दौरान पपलप्रीत सिंह ने कहा कि उसे नहीं पता कि अमृतपाल कहां है, वह 28 मार्च को ही उससे अलग हो गया था। उसके बाद उससे उसका कोई संप्रक नहीं हो पाया। वहीं दूसरी तरफ, खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के साथियों की हाईकोर्ट में दायर की गई याचिकाओं के बारे में पंजाब सरकार ने अपना जवाब दे दिया है। पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट को जानकारी दी है कि नेशनल सिक्योरिटी एक्ट को लेकर सरकार ने एडवाइजरी बोर्ड का गठन किया है। अब अमृतपाल के साथियों को एडवाइजरी बोर्ड को अपील करनी होगी। वहीं, अब इस मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को निर्धारित की गई है। पपलप्रीत सिंह की गिरफ्तारी की सूचना के बाद मां व पत्नी कहा कि जब अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ, पपलप्रीत साथ नहीं था। उन्हें सूचना मिली कि पपलप्रीत सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है। मां का कहना है कि पपलप्रीत सिंह व अमृतपाल सिंह दोनों ही गलत नहीं हैं। उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया। पत्नी का कहना कि पपलप्रीत सिंह पर NSA लगाना गलत है, पंजाब सरकार कोई बेइंसाफी न करे।
चंडीगढ़। वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह मामले में आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई दौरान अमृतपाल के वकील इमान सिंह खारा हाईकोर्ट में हैबियस कॉपर्स के तहत ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर पाए, जिससे अमृतपाल के अवैध पुलिस हिरासत में होने की पुष्टि हो सके। हालांकि अमृतपाल सिंह के वकील ने कहा कि उन्होंने अपना जवाब केंद्र सरकार के पास भेज दिया है, जिस पर हाईकोर्ट ने कहा कि उन्हें अपना जवाब पंजाब सरकार को देना चाहिए था। हाईकोर्ट ने अन्य मामलों के साथ अमृतपाल के इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 24 अप्रैल तय की है। आपको बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में पिछली सुनवाई पर वारिस पंजाब दे के लीगल एडवाइजर एडवोकेट इमान सिंह खारा से कहा था कि वह कोई ऐसा सबूत पेश करें कि, जिससे अमृतपाल के अवैध पुलिस हिरासत में होने का दावा साबित होता हो सके। क्योंकि अमृतपाल के फरार होने के बाद इमान सिंह खारा द्वारा हैबियस कॉपर्स के तहत अमृतपाल सिंह के पुलिस की ‘अवैध हिरासत’ में होने का दावा किया गया था। हालांकि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने अमृतपाल सिंह के मुद्दे पर सरकार व पुलिस को फटकार भी लगाई थी। हाईकोर्ट ने पुलिस से पूछा था कि अमृतपाल देश के लिए खतरा है तो उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया ? व 80 हजार पुलिस वालों के घेरे से वह कैसे भाग निकला ?। हाईकोर्ट ने इसे पुलिस का इंटेलिजेंस फेलियर करार दिया था। आपको बता दें कि हाल ही में पुलिस ने अमृतपाल सिंह के करीबी साथी पपलप्रीत की गिरफ्तार किया है। पंजाब पुलिस ने पपलप्रीत पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने बीते मंगलवार की सुबह आरोपी को अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया था। इस दौरान पपलप्रीत सिंह ने कहा कि उसे नहीं पता कि अमृतपाल कहां है, वह 28 मार्च को ही उससे अलग हो गया था। उसके बाद उससे उसका कोई संप्रक नहीं हो पाया। वहीं दूसरी तरफ, खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के साथियों की हाईकोर्ट में दायर की गई याचिकाओं के बारे में पंजाब सरकार ने अपना जवाब दे दिया है। पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट को जानकारी दी है कि नेशनल सिक्योरिटी एक्ट को लेकर सरकार ने एडवाइजरी बोर्ड का गठन किया है। अब अमृतपाल के साथियों को एडवाइजरी बोर्ड को अपील करनी होगी। वहीं, अब इस मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को निर्धारित की गई है। पपलप्रीत सिंह की गिरफ्तारी की सूचना के बाद मां व पत्नी कहा कि जब अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ, पपलप्रीत साथ नहीं था। उन्हें सूचना मिली कि पपलप्रीत सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है। मां का कहना है कि पपलप्रीत सिंह व अमृतपाल सिंह दोनों ही गलत नहीं हैं। उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया। पत्नी का कहना कि पपलप्रीत सिंह पर NSA लगाना गलत है, पंजाब सरकार कोई बेइंसाफी न करे।