विद्यार्थियों को भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की दी गई जानकारी
टाकिंग पंजाब
जालंधर। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) ने हाल ही में इसरो में भारतीय संचार और मौसम विज्ञान उपग्रह प्रणाली के पूर्व मिशन निदेशक सुंदरमूर्ति टी के को एलपीयू कैंपस में आमंत्रित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शांति देवी मित्तल सभागार में स्कूल ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को संबोधित और बातचीत करते उन्होंने बहुमूल्य जानकारी साझा की। विशिष्ट अतिथि ने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों में शामिल चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत जल्द ही एक स्वतंत्र मानव अंतरिक्ष यान का संचालन करने वाला चौथा राष्ट्र बन जाएगा। इंटरैक्टिव तकनीकी सत्र की शुरुआत करते हुए, श्री सुंदरमूर्ति ने इसरो द्वारा 2007 में शुरू किए गए ‘भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम (आईएचएसपी)’ के बारे व्यापक जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को पृथ्वी की लो कक्षा में चालक दल के कक्षीय अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने के लिए आवश्यक तकनीक विकसित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस सत्र में भारत की “गगनयान” परियोजना भी शामिल रही, जिसका उद्देश्य तीन सदस्यों के दल को तीन दिनों के लिए 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करके मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है, जिसके बाद उसकी इंडियन सी ही में सुरक्षित वापसी होगी। इस परियोजना ने भारत को मानव अंतरिक्ष यात्रा के लिए आवश्यक गर्मी प्रतिरोधी सामग्री, प्रौद्योगिकी और प्रक्रियाओं को विकसित करने में भी सक्षम बनाया है। बहुमूल्य ज्ञान प्रदान करने के अलावा सुंदरमूर्ति ने एलपीयू के विद्यार्थियों को अंतरिक्ष मिशन से संबंधित आगे की परियोजनाओं को शुरू करने के लिए भी प्रेरित किया।