जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों से मिलने पहुंची प्रियंका गांधी… कहा- पीएम को नहीं है पहलवानों की चिंता..

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पहलवान पदक जीतते हैं तो हम सभी ट्वीट करते हैं, आज ये सड़क पर बैठे हैं, इन्हें न्याय नहीं मिल रहा है- प्रियंका गांधी

टाकिंग पंजाब

दिल्ली। रैसलिंग फैडरेशन ऑफ इं​डिया के अध्यक्ष व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का धरना आज सातवें दिन भी जारी है। उनका कहना है कि वह लगातार सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहें हैं परंतु उन्हें अब तक एफआईआर की कॉपी नहीं मिली है। इसी बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पहलवानों से मिलने जंतर-मंतर पहुंची व लगभग एक घंटे तक विनेश फोगाट, साक्षी मलिक व बजरंग पूनिया से बात की।      इस दौरान जब विनेश फोगाट व साक्षी बातचीत करते हुए भावुक हो गई तो प्रियंका गांधी ने विनेश के सिर पर हाथ रखकर दिलासा दिया। प्रियंका गांधी ने कहा कि जो एफआईआर दर्ज कराई गई है, उसमें क्या है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। वे इसे क्यों नहीं दिखा रहे हैं? जब ये पहलवान पदक जीतते हैं तो हम सभी ट्वीट करते हैं। गर्व महसूस करते हैं। आज ये सड़क पर बैठे हैं। इन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि ये सभी महिला पहलवान इस मुकाम तक आने के लिए काफी संघर्ष करती हैं और मैं यह नहीं समझ पा रही हूं कि सरकार बृजभूषण को क्यों बचा रही है।       ब्रजभूषण पर इतने गंभीर आरोप हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सरकार उसे पद से हटाए व उससे इस्तीफा लेना चाहिए। प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री पर वार करते हुए कहा कि मुझे पीएम से कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि अगर उन्हें पहलवानों की चिंता है, तो उन्होंने अभी तक उनसे बात क्यों नहीं की। जब मेडल जीतकर आते हैं तो उनके साथ फोटो खिंचवाते हैं। लेकिन अब तक उनसे बातचीत नहीं की। देश खिलाड़ियों के साथ खड़ा है। मुझे गर्व है कि पहलवान ऐसी चीज के लिए खड़े हैं और आवाज उठा रहे हैं।      जहां पहलवान सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर हैं वहीं, सांसद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह खिलाड़ियों का धरना नहीं है। मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। हरियाणा के 90% खिलाड़ी मेरे साथ हैं। अपराधी बनकर इस्तीफा नहीं दूंगा। हर रोज नई डिमांड आ रही है। इस पूरे मामले में कांग्रेस का हाथ है। 12 साल से शिकायत क्यों नहीं की। उन्होनें आगे कहा कि अगर धरना दे रहे पहलवान इस्तीफे से मानेंगे, तो मैं दे दूंगा। मगर, अपराधी बनकर नहीं दूंगा। अब ये कहेंगे कि इनका कार्यकाल तो खत्म हो गया है, अब इस्तीफे से क्या होगा। अगर ये खिलाड़ी धरने से उठकर वापस घर जाएं, अपनी प्रैक्टिस करें तो मैं इस्तीफा भिजवा दूंगा।

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