पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2 हजार की नोट को बिना आईडी प्रूफ के बदलने पर उठाये सवाल 

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कहा.. यह नया ड्रामा, बिना आईडी के 2000 के नोटों को बदलने से ‘काले धन’ का पता लगाने में कैसे मिलेगी आपको मदद ?

टाकिंग पंजाब 

नई दिल्ली। सर्कुलेशन से बाहर किए गए 2000 के नोट पर राजनीती होनी शुरू हो गईं है। इस नोट के सर्कुलेशन से बाहर किए जाने को लेकर विपक्ष जहाँ सरकार पर हमलावर हो रहा है, वहीं सरकार इसको काला धन बाहर लाने के लिए एक और सर्जीकल स्ट्राइक मान रहीं है। सरकार की इस कोशिश पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कई तरह की सवाल उठाये है।   पी चिदंबरम ने 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने और बिना आईडी प्रूफ के बदलने पर केंद्र पर निशाना साधा है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पहले नोटबंदी की और उससे कालेधन पर लगाम लगाने में कोई सफलता नहीं मिली और अब यह कदम नया ड्रामा है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक ने बीते दिन साफ किया कि 2000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए किसी भी आईडी प्रूफ और फॉर्म की आवश्यकता नहीं होगी।    इसे लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए कहा कि बिना आईडी के 2000 रुपये के नोटों को बदलने से ‘काले धन’ का पता लगाने में आपको कैसे मदद मिलेगी ?। उन्होंने कहा कि काले धन का पता लगाने के लिए 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने की भाजपा की फिरकी अब ध्वस्त हो गई है। उन्होंने कहा कि आम लोगों के पास 2000 रुपए के नोट नहीं हैं, क्योंकि 2016 में नोट लाने के तुरंत बाद लोगों ने इसे लेना बंद कर दिया था।    चिदंबरम ने कहा कि ये नोट दैनिक खुदरा उपयोग के लिए सही नहीं थे, इसलिए लोगों ने इससे दूरी बनाई। उन्होंने कहा कि इसका मतलब साफ है कि 2000 रुपये के नोट किसने रखे और उनका इस्तेमाल अब कैसे होगा, आप जवाब जानते हैं। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि 2000 रुपये के नोट बदलने से अब सरकार ने कालेधन को सफेद बनाना आसान कर दिया है। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोट बिना आईडी प्रूफ के बदलने से सरकार ने कालेधन वालों का रेड कार्पेट पर स्वागत किया है।

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