16वें अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा नेतृत्व और कौशल विकास शिखर सम्मेलन में प्रदान किया गया पुरस्कार
टाकिंग पंजाब
जालंधर। डीएवी यूनिवर्सिटी, जालंधर को ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सेवा के लिए प्रतिष्ठित उत्कृष्टता पुरस्कार मिला है। यूनिवर्सिटी को यह पुरस्कार एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) नेशनल काउंसिल ऑन एजुकेशन द्वारा नई दिल्ली में आयोजित 16वें अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा नेतृत्व और कौशल विकास शिखर सम्मेलन में प्रदान किया गया। यह पुरस्कार प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे, अध्यक्ष, राष्ट्रीय असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन कौंसिल (नैक) और नेशनल ब्यूरो ऑफ़ एक्रेडिटेशन (एनबीए), डॉ. पंकज मित्तल, महासचिव, भारतीय विश्वविद्यालय संघ (ऐआईयू) और डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, अध्यक्ष, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) की उपस्थिति में प्रदान किया गया। डीएवी यूनिवर्सिटी को यह पुरस्कार पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी और डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, भारत सरकार के तत्वावधान में अनुसूचित जाति समुदाय के उत्थान के लिए किये गए कार्यों के लिए दिया गया है। यूनिवर्सिटी ने यह प्रोजेक्ट एनआईटी जालंधर के सहयोग से शुरू किया है। प्रोजेक्ट के अंतर्गत डीएवी विश्वविद्यालय द्वारा अपने परिसर के आसपास के दस गांवों में आजीविका ढांचे, शैक्षिक योग्यता, स्वास्थ्य सुविधाओं, व्यावसायिक और कृषि प्रौद्योगिकी से संबंधित मुद्दों का समाधान किया जा रहा है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी ने आईसीआईसीआई फाउंडेशन के सहयोग से महिला समूहों को आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा भी उठाया है। विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. पूनम सूरी ने कहा कि डीएवी सामाजिक और सामुदायिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अन्य संस्थानों को भी डीएवी यूनिवर्सिटी से सीख लेनी चाहिए और राष्ट्र निर्माण के बड़े कार्य में योगदान देना चाहिए। डीएवी यूनिवर्सिटी की निदेशक डॉ जे काकरिया ने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय यूनिवर्सिटी के प्रतिबद्ध नेतृत्व, फैकल्टी और कर्मचारियों को दिया जाना चाहिए। वाइस चांसलर, डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रम के साथ सामुदायिक सेवा को एनईपी 2020 के अनुरूप इंटेग्रट किया है। विश्वविद्यालय के कार्यकारी निदेशक राजन गुप्ता और रजिस्ट्रार डॉ केएन कौल ने भी इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए डीएवी यूनिवर्सिटी की फैकल्टी, कर्मचारियों और स्टूडेंट्स को बधाई दी।