गंगा में मेडल बहाने गए थे पहलवान, नरेश टिकैत ने लिए मेडल और मांगा 5 दिन का समय

आज की ताजा खबर खेल

पहलवान बोले.. हमारे गले में सजे इन मेडलों का नहीं रहा कोई मतलब, अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना ?

टाकिंग पंजाब 

नई दिल्ली। विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया समेत पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने आज यानी मंगलवार को अपने द्वारा जीते गए मेडल हरिद्वार में गंगा में बहाने के लिए रवाना हुए थे, लेकिन इस बीच हरिद्वार में नरेश टिकैत पहलवानों से मिलने पहुंचे। उन्होंने पहलवानों से मेडल गंगा में न बहाने की अपील की व उनसे मैडल ले लिए और पांच दिन का समय मांगा है।    ऐसे में अब किसान नेता नरेश टिकैत के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शनकारी पहलवानो ने मैडल को गंगा में बहाने का फैसला पोस्टपोन कर दिया। इस दौरान पहलवानो ने कहा कि “उन्हें वह पल याद आ रहे हैं जब वह ये मेडल्स देश के लिए जीती थीं परन्तु अब उन्हें ऐसा लग रहा है की वह आखिर ये सम्मान क्यों ही जीती थी जब उनके साथ ऐसा दुर्वव्हार हुआ। पहलवानों ने अपना दुख जाहिर करते हुए कहा कि, “अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है। इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना ?    उन्होंने आगे कहा, “यह सवाल आया कि किसे लौटाएं। हमारी राष्ट्रपति को, जो ख़ुद एक महिला हैं। मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमसे सिर्फ़ 2 किलोमीटर बैठी सिर्फ़ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी बोली नहीं। विनेश ने कहा, “ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर सिर्फ़ अपना प्रचार करता है यह तेज सफ़ेदी वाला तंत्र और फिर हमारा शोषण करता है। हम उस शोषण के ख़िलाफ़ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है।  अंत में पहलवानों के नोट में कहा गया कि “इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा माँ हैं. जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था। ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र माँ गंगा ही हो सकती है, न कि हमें मुखौटा बना फ़ायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र। अब मामला यहां तक पहुँचा है कि किसान नेता नरेश टिकेट ने पहलवानो से मैडल ले लिए हैं और पांच दिन का समय मांगा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *