नाबालिग पहलवान ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ बदला बयान… बदलते बयान से हट सकती है बृजभूषण सिंह पर लटकी पोक्सो एक्ट की तलवार…

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15 जून तक दिल्ली पुलिस इस केस की चार्जशीट कोर्ट में करेगी पेश…

कौन सा बयान अंतिम होगा, यह सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर…

टाकिंग पंजाब

दिल्ली। भारतीय पहलवानों का डब्लूएफआई के पूर्व अध्यक्ष व सासंद बृजभूषण सिंह के खिलाफ संघर्ष जारी है। परंतु अब इस केस में पहलवानों को बड़ा झटका लगा है क्योंकि नाबालिग पहलवान ने बृजभूषण के खिलाफ दिए यौन शोषण के बयान बदल दिए हैं। दिल्ली पुलिस के पास दर्ज एफआईआर में नाबालिग पहलवान व उनके पिता ने पहले कहा था कि 16 साल की उम्र में झारखंड के रांची में नेशनल गेम्स में जूनियर रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता। यहीं पर फोटो लेने के बहाने बृजभूषण ने जबरन बेटी को अपने करीब खींचा। उसे बाहों में इतना कसकर जकड़ लिया कि वह खुद को छुड़ाने के लिए हिल तक नहीं पाई। बृजभूषण हाथ उसके कंधे से नीचे ले गया।
     बृजभूषण ने उनकी बेटी से कहा कि तुम मुझे सपोर्ट करो और मैं तुम्हें सपोर्ट करूंगा। इस पर पहलवान बोली कि मैं अपने बलबूते यहां तक आई हूं और मेहनत करके आगे तक जाऊंगी। बृजभूषण ने नाबालिग पहलवान को कमरे में बुलाया। नाबालिग पहलवान प्रेशर में थी कि उसका करियर बृजभूषण बर्बाद न कर दे इसलिए वह मिलने चली गई। वहां पहुंचते ही बृजभूषण ने उसे अपनी तरफ खींचा और जबरदस्ती शारीरिक संबध बनाने की कोशिश की। नाबालिग पहलवान इससे पूरी तरह सहम गई। उसने किसी तरह खुद को छुड़ाया और कमरे से बाहर भाग निकली।
      परंतु अब अपना बयान बदलते हुए नाबालिग पहलवान ने कहा कि 2022 के मई महीने में एशियन चैंपियनशिप के ट्रायल हुए बृजभूषण के कहने पर नाबालिग पहलवान के साथ भेदभाव किया। इसी ट्रायल में एक और बात हुई। ट्रायल में एथलीट के स्टेट से ही रेफरी और मैट चेयरमैन, दोनों नहीं हो सकते। नाबालिग पहलवान के ट्रायल के दौरान उसे दिल्ली के पहलवान के साथ लड़ाया गया जिसमें रेफरी और मैट चेयरमैन दोनों दिल्ली से थे। यह नियमों का उल्लंघन था। नाबालिग पहलवान ने वहीं पर इसका विरोध किया तो उससे दो-टूक कहा गया कि उसे खेलना होगा, वरना दूसरे एथलीट को वॉकओवर यानी विजेता घोषित कर दिया जाएगा। नाबालिग पहलवान के मैच के वक्त रिकॉर्डिंग को स्विच ऑफ और ऑन किया जाता रहा ताकि वीडियो में गड़बड़ी कर सकें।
      नाबालिग पहलवान के इस बदलते बयान के कारण बृजभूषण के ऊपर लगा पोक्सो एक्ट हट जाएगा व जिसके बाद बृजभूषण पर लटक रही तुरंत गिरफ्तारी की तलवार हट जाएगी। बृजभूषण पर अब बालिग महिला पहलवानों के छेड़छाड़ के आरोप रह गए हैं, जिनमें तुरंत गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है। इन बदलते बयान में हालांकि पहले यौन शोषण और अब भेदभाव में से कौन सा बयान अंतिम रहेगा, यह सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने यौन शोषण के बयान सही माने तो फिर बृजभूषण की मुश्किलें बढ़ सकती है। वहीं केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मीटिंग के बाद भरोसा दिया कि 15 जून तक दिल्ली पुलिस इस केस की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर देगी। अब पहलवान 15 जून तक का इंतजार कर रहे हैं।

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