हमें लगातार धमकी भरी कॉल आ रही हैं जिसमें समझौता करने के लिए कहा जा रहा है- साक्षी मलिक
सरकार बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए तैयार नहीं- बजरंग पूनिया
टाकिंग पंजाब
दिल्ली। भारतीय पहलवानों की डब्लयूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ लड़ाई अभी भी जारी है। पहलवान किसी भी तरह बृजभूषण के खिलाफ संघर्ष समाप्त करने के लिए तैयार नहीं है। वह लगातार बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहें हैं। अब इस विवाद को लेकर सोनीपत में खाप पंचायत हुई जिसमें साक्षी मलिक व बजरंग पूनिया पहुंचे। इस दौरान उन्होनें खाप प्रतिनिधियों को गृह मंत्री अमित शाह व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से हुई मीटिंग के बारे में जानकारी दी।
पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि सरकार बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए तैयार नहीं है। केंद्र ने 15 जून तक का समय लिया है। कोई कार्रवाई नहीं हुई तो बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए फिर से धरना दिया जाएगा। 15 के बाद 16 या 17 जून को जंतर-मंतर या रामलीला के मैदान पर दोबारा धरना किया जा सकता है। वहीं, इस दौरान साक्षी मलिक ने भी कहा कि हमें लगातार धमकी भरी कॉल आ रही हैं। कहा जा रहा है कि समझौता कर लो। नहीं तो पूरा करियर खत्म हो जाएगा।
जबकि हम पहले दिन से ही कर रहे हैं कि बृजभूषण को कस्टडी में लिया जाए। वह बाहर रहेगा तो दूसरों पर प्रेशर रहेगा। पॉक्सो एक्ट वाली लड़की टूट चुकी है। धीरे-धीरे और भी लड़कियां टूट जाएंगीं। हम एशियन गेम्स तभी खेलेंगे जब ये सारा मुद्दा सुलझेगा। साक्षी ने आगे कहा कि मैं यह क्लियर कर देती हूं कि हम सब एक हैं। मैं, बजरंग और विनेश हम एक हैं और एक ही रहेंगे। विनेश के ना आने का रीजन है। कुछ इन्क्वायरी चल रही हैं। कुछ और लीगल कार्रवाई हैं। वह भी संभालनी पड़ती हैं। इतना ही नहीं, इस मामले में अब गीता फोगाट के पर्सनल फिजियोथेरेपिस्ट परमजीत ने बृजभूषण पर नए खुलासे किए हैं। उन्होनें कहा कि मैंने देखा कि आधी रात के बाद लड़कियां बाहर जाती हैं।
जिसकी मैंने अपने लेवल पर जांच की। मुझे पता चला कि जिन गाड़ियों में ये लड़कियां ले जाई जा रही हैं, वह बीजेपी सांसद और फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की सिक्योरिटी में लगी गाड़ियां होती थीं। उन्होनें आगे कहा कि मैंने इस बारे में रात को बाहर जाने वाली लड़कियों से बात की। लड़कियों ने कहा कि इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा चारा नहीं है। मैंने लगातार कंप्लेंट की तो अचानक मुझे लखनऊ के साई कैंप से छुट्टी दे दी गई। लखनऊ के साई सेंटर में युवा महिला पहलवानों को फंसाया जाता है। कैंप में अनऑफिशियल रूप से 4-5 लोग रखे गए हैं। थोड़ा चोट लगने पर भी युवा पहलवानों को घर भेजने के नाम पर डराया जाता है।