गोल्डन टेंपल में लगी सामान की स्कैनिंग के लिए मशीनें… मशीन में 10 लाख तस्वीरें स्टोर करने की है कैपेसिटी
टाकिंग पंजाब
अमृतसर। गोल्डन टेंपल के आसपास बम धमाके करने के आरोपियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाली एसजीपीसी टास्क फोर्स व सीसीटीवी सर्विलांस टीम की बढि़या कारगुजारी के चलते एसजीपीसी ने गोलडन टैंपल के पास सुरक्षा के प्रबंध ओर कड़े कर दिए हैं। गोल्डन टेंपल के आसपास विरासती मार्ग व गलियारा में हुए बम धमाकों के बाद अब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सभी मुख्य द्वार पर स्कैनर लगाने की योजना बनाई है। इसके तहत घंटाघर गेट पर स्कैन मशीन लगाई गई है, जिसका ट्रायल लिया जा रहा है। घंटाघर से दाखिल होने वाले हर व्यक्ति के सामान की मशीन से जांच की जाएगी।
एसजीपीसी के अनुसार बीते दिनों हुए बम धमाकों के बाद सुरक्षा प्रबंध पक्के करने के मकसद से यह कदम उठाया गया है। इन स्कैन मशीनों से श्रद्धालुओं द्वारा साथ लाए जा रहे सामान की चेकिंग की जाएगी। इस दौरान कुछ भी आपत्तिजनक पाए जाने पर सामान लाने वाले व्यक्ति को अंदर जाने से रोका जा सकता है। एक अधिकारी के अनुसार यह स्कैन मशीन सुरक्षा के मद्देनजर भी काफी फायदेमंद है। इस मशीन में स्कैन के समय बैग में रखी छोटी से छोटी चीज भी स्क्रीन पर दिख जाती है। इसके साथ ही बैग में क्या है, उसका ब्यौरा भी स्क्रीन पर डिस्प्ले हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस स्कैन मशीन के दोनों तरफ कैमरे लगे हुए हैं। बैग रखने वाले और बैग ले जाने वाले व्यक्ति की तस्वीर इस मशीन में स्टोर हो जाती है।
मशीन में 10 लाख तस्वीरें स्टोर करने की कैपेसिटी है। किस व्यक्ति ने किस समय सामान रखा व किस समय किसने सामान उठाया, उसका पूरा ब्योरा इस मशीन में स्टोर हो जाता है। इन सुरक्षा के कड़े प्रबंध करने के पीछे का कारण यह लग रहा है कि गोलडन टैंपल के नजदीक धमाके करने वालों को पकड़ने में टेक्नॉलिजी का बड़ा रोल रहा है। इन आरोपियों को सीसीटीवी कैमरों के कारण ही पकड़ा जा सका था। इससे पता चला था कि बम धमाके करने वाले गोल्डन टेंपल की श्री गुरु रामदास जी सराय में ही रुके हुए थे और वहीं बम भी तैयार किए गए। इसके बाद एसजीपीसी ने ऐसे प्रबंध करने का फैसला किया था, जिसमें सभी आने वाले श्रद्धालुओं के सामान की चेकिंग की जा सके। इसका ट्रायल शुरू कर दिया गया है व जल्द ही गोलडन टैंपल में आने वाले लोगों को अपने सामान की चैंकिंग इन मशीन से करवानी पड़ेगी।