श्री हरिमंदिर साहिब से प्रसारित होने वाली गुरबाणी को सभी चैनलों पर चलाने से एसजीपीसी ने किया इनकार…

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पंजाब सरकार सिखों के पूर्वजों के बलिदानों को दरकिनार कर जबरदस्ती इस एक्ट में संशोधन करना चाहती है- एसजीपीसी प्रधान

टाकिंग पंजाब

अमृतसर। बीते दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने श्री हरिमंदिर साहिब से प्रसारित होने वाली गुरबानी को सभी चैनलों पर चलाने की बात कही थी व जिसके चलते पंजाब सरकार ने गुरुद्वारा एक्ट 1925 को संशोधित किया। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि 21 जुलाई तक एक चैनल के पास एकाधिकार है। उसके बाद सभी चैनलों पर अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल से गुरबाणी सभी चैनलों पर चलेगी। इसकी फीड फ्री होगी, जो भी चलाना चाहे, वह इसे चला सकता है। परंतु अब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पंजाब विधानसभा में पास किए गए गुरुद्वारा एक्ट 1925 संशोधन बिल मानने से इनकार कर दिया है।
      बिल के खिलाफ निर्णय लेने के लिए जनरल इजलास गोल्डन टेंपल परिसर में बने तेजा सिंह समुद्री हाल में शुरू हुआ। जनरल सेक्रेटरी गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने शुरुआत में सभा को संबोधित किया व उसके बाद एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुद्वारा एक्ट 1925 में संशोधन करने के लिए एसजीपीसी सदस्यों की एक तिहाई सहमति चाहिए होती है। आज तक जितने भी मते पास किए गए और एक्ट में संशोधन किए गए, वे एसजीपीसी की मंजूरी से किए गए हैं। इस बार पंजाब सरकार सिखों के पूर्वजों के बलिदानों को दरकिनार कर जबरदस्ती इस एक्ट में संशोधन करना चाहती है। यह होने नहीं दिया जाएगा। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा सीधे तौर पर गुरुद्वारे की व्यवस्था में हस्तक्षेप करते हुए असंवैधानिक बिल पारित किया गया है। इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा।
     अगर वे आज सरकार के आगे झुक कर विरोध न किया गया तो एसजीपीसी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार गुरबाणी प्रसारण को मुद्दा बनाकर सिख संगठन को कमजोर कर रही है। एक्ट में संशोधन के लिए शिरोमणि कमेटी के जनरल हाउस का बहुमत जरूरी है। संसद संशोधन प्रस्ताव को तभी मंजूरी देती है जब इसे जनरल हाउस द्वारा पारित किया जाता है और केंद्र को भेजा जाता है। अगर सरकार फिर भी नहीं मानी तो हम श्री अकाल तख्त साहिब से मार्च शुरू करेंगे। इतना ही नहीं, प्रधान धामी ने सीएम मान और विधायक बुद्धराम को सिखों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए सिख समुदाय से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को भी कहा है।
     शिरोमणि कमेटी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा है कि पंजाब सरकार सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल की आड़ में शिरोमणि कमेटी पर कब्जा करना चाहती है। लेकिन विपक्षी सदस्य भी इस मुद्दे पर एकजुट हैं। किसी भी कीमत पर एसजीपीसी पर सरकार का अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। बता दें कि सीएम मान ने इस बारे में कहा था कि गुरबाणी प्रसारण मुद्दे पर एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर धामी कहते हैं कि यह फ्री है लेकिन, यह फ्री नहीं है। यह एक्सक्लूसिव राइट हैं, यानी कि चैनल मालिक है। यह गुरुओं की बाणी है, यह इनके एक्सक्लूसिव राइट कैसे हो सकते हैं। चैनल की कमाई को लेकर सीएम मान ने कहा था कि अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया में गुरबाणी वाला चैनल लगवाना है तो 54 डॉलर लगते हैं। इसी चैनल पर गुरबाणी चलती है, सभी सुनते हैं। सभी इसी चैनल की सब्सक्रिप्शन लेते हैं, जिससे टीआरपी बढ़ जाती है व उसके साथ चैनल को विज्ञापन मिलते हैं जिससे इनकी कमाई हो रही है।

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