पंजाब के कई इलाकों में अभी भी बारिश का असर… हरिके से पानी छोड़े जाने के बाद फिरोजपुर- फाजिल्का में किया गया अलर्ट…

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पटियाला में हालात अभी भी चिंताजनक… भाखड़ा बांध में फिलहाल 20 फीट की ही बची क्षमता…

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चंडीगढ़। पंजाब में बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालातों के बीच आज राज्य को बारिश से राहत मिली है। हालांकि, पूर्वी मालवा के कुछ हिस्सों में बारिश होने की संभावना है परंतु मौसम विभाग ने आज किसी भी तरह का कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। आज दोपहर एक बजे के करीब हरिके हेड से हुसैनीवाला की ओर पानी छोड़ा गया है व पानी छोड़ने के बाद निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है। हालांकि, जिला प्रशासन ने पहले ही निचले इलाकों को खाली करवा सुरक्षित जगहों पर भेज दिया है। इतना ही नहीं, हरिके से पानी छोड़े जाने के बाद फिरोजपुर- फाजिल्का में भी अलर्ट किया गया है, परंतु अभी वहां स्थिति ठीक बनी हुई है।
     वहीं, अब लुधियाना के भूखड़ी कलां में पुल टूट गया है व ताजपुर रो़ड पर बुड्‌डा दरिया का बांध टूटने से सड़क पर पानी आ गया। पंजाब के बाकी हिस्सों की बात करे तो पटियाला की अर्बन स्टेट इलाके में घरों में 5 फीट तक पानी आ गया जिस कारण लोगों को खुद ही अपना घर छोड़ कर जाना पड़ा। पटियाला में हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं। दरिया में पानी का फ्लो बढ़ना जारी है। जिसके चलते पटियाला शहर पूरी तरह से पानी में डूब चुका है। निचले इलाकों में तो 5-5 फीट तक पानी चढ़ चुका है। वहीं, सतलुज दरिया के साथ लगते जालंधर के सब डिवीजन शाहकोट में लोहियां इलाके में लक्खे दिआं छन्ना में 2 जगह धुस्सी बांध टूट गया।
     इसी दौरान लोहियां में पानी के बहाव में फंसा एक युवक अपनी बाइक को निकालते हुए बह गया। युवक का अभी कुछ पता नहीं चला है। भाखड़ा बांध में भी फिलहाल 20 फीट की क्षमता ही बची है। अगर पानी का स्तर बढ़ता गया तो यह पंजाब के लिए और चिंताजनक को जाएगा। इसके बाद माझा और दोआबा में भी बाढ़ के हालात बन जाएंगे। शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस ने जानकारी देते हुए कहा कि भाखड़ा बांध फिलहाल 1621 फीट पर है। पिछले दो दिनों में जल स्तर लगभग 20 फीट बढ़ गया है। गेट का लेवल 1645 फीट है। अभी 20 फीट और पानी स्टोर करने की क्षमता है।
     अगर इसमें पानी छोड़ा गया तो लुधियाना के सतलुज बेल्ट और अन्य जिलों सहित आनंदपुर साहिब और रोपड़ में जीवन व संपत्ति को खतरा हो सकता है। वहीं, देर रात पटियाला में जिला प्रशासन अलर्ट पर रहा। डीसी खुद सड़कों पर उतरी और बाढ़ ग्रस्त इलाकों में मदद पहुंचाई। देर रात, तरनतारन के हरिके हैड के सभी गेट खोल दिए गए हैं। जिसके बाद पानी 30 के करीब गांवों में आ गया है। हालांकि, जिला प्रशासन का कहना है कि अभी हालात काबू में हैं। पंजाब के हालातों को जानने के लिए चीफ सेक्रेटरी अनुराग वर्मा ने सभी जिलों के डीसी की बैठक की, जिसमें विभिन्न जिलों में बाढ़ के हालातों के अलावा, माझा व दोआबा में आने वाले चुनौतियों से लड़ने की प्लानिंग पर भी चर्चा की गई।

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