कारगिल विजय दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री व पंजाब के मुख्यमंत्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए किया नमन…

आज की ताजा खबर देश

सीएम मान ने शहीद जवानों पर सालाना पौने 9 करोड़ रुपए खर्च करने का किया ऐलान…

पंजाब सरकार सेवा काल के दौरान शहीद होने वाले जवानों के परिवारों को देगी 25 लाख रुपए- सीएम मान

टाकिंग पंजाब

नई दिल्ली। कारगिल विजय दिवस के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री व पंजाब के सीएम के साथ-साथ कई नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिवस पर ट्वीट करते हुए लिखा कि कारगिल विजय दिवस भारत के उन अद्भुत पराक्रमियों की शौर्यगाथा को सामने लाता है, जो देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणाशक्ति बने रहेंगे। इस विशेष दिवस पर मैं उनका हृदय से नमन और वंदन करता हूं. जय हिंद। वहीं, भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शहीदों को याद करते हुए कहा कि मैं उन वीर सपूतों को नमन करता हूं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। मैं उन वीर सपूतों को सलाम करता हूं जिन्होंने देश को सबसे पहले रखा और इसके लिए अपने प्राणों की आहुति देने से नहीं हिचकिचाए।

    इस दिवस पर शहीदों को नमन करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी अमृतसर पहुंचे व नारायणगढ़ छेहरटा स्थित पंजाब स्टेट वॉर हीरोज मेमोरियल एंड म्यूजियम में शहीदों को सैल्यूट करते हुए श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सीएम मान ने कहा कि शहीदी दिवस पर सम्मान महसूस किया जाता है, क्योंकि जब कभी परिवार-बच्चों के साथ सुरक्षित घर पर सो रहे होते हैं तो उस दौरान भारतीय सैनिक गंगानगर, जैसलमेर में 30 से 50 डिग्री सेल्सियस तापमान पर देश की सुरक्षा कर रहे होते हैं। कड़कड़ाती सर्दी में कारगिल की पहाड़ियों में भारतीय जवान -40/50 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी राष्ट्रीय ध्वज लेकर सुरक्षा के लिए सीना तान खड़े होते हैं।      उन्होनें आगे कहा कि देश के लिए शहीद होने पर सैनिक शारीरिक तौर पर तो दुनिया से चले जाते हैं, लेकिन मानसिक तौर पर शहीदों को सदैव याद किया जाता है। भगत सिंह अकसर कहते थे कि इश्क करना सभी का पैदायशी हक है, क्यों न इस बार वतन की सरजमीं को महबूब बना लिया जाए। जो लोग देश की धरती को महबूब बना लेते हैं, वह काफी कम होते हैं। आजादी लेने के समय और संभालने के लिए भी जवान देश की सीमा पर खड़े हैं। दुश्मनों की गिनती काफी अधिक थी। बावजूद इसके खालसा की फौज तैयार की गई और जिस प्रकार वह लड़ी, उस पर आधारित सारागढ़ी की तरह फिल्में बन रही हैं।        इतना ही नहीं, सीएम मान ने कहा कि अकसर जवान के संस्कार पर काफी भीड़ होती है, तोपों की सलामी दी जाती है। लेकिन इसके बाद उन शहीद परिवारों की कोई सुध नहीं लेता। लेकिन आज दिल्ली और पंजाब सरकार का प्रयास है कि शहीद परिवारों को कोई आर्थिक या अन्य प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। पंजाब सरकार शहीद जवानों पर सालाना पौने 9 करोड़ रुपए खर्च करेगी, क्योंकि यह धनराशि देश की सुरक्षा में बलिदान देने वाले जवानों के मुकाबले शून्य है। दुश्मन से जंग के दौरान जान गंवाने वालों के अलावा अन्य दिनों में ड्यूटी पर जान गंवाने वाले सैनिक भी शहीद हैं। एक साल में सेवा काल के दौरान करीब 30 जवान शहीद होते हैं।     सीएम मान ने कहा कि पंजाब सरकार ऐसे सैनिकों को शहीद का दर्जा देते हुए उनके परिवारों को 25 लाख रुपए देगी। साथ ही जंग में शारीरिक रूप से 76 से 100 प्रतिशत तक दिव्यांग होने वाले जवानों की एक्स ग्रेशिया राशि को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपए किया गया है। जबकि शारीरिक रूप से 51 से 75 प्रतिशत तक घायल सैनिकों को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख और शारीरिक रूप से 25 से 50 प्रतिशत अक्षम सैनिकों को 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए दिए जाएंगे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने भी शहीदों को नमन करते हुए कहा कि देश के बहादुर सैनिकों ने सीमा की सुरक्षा करते हुए कारगिल में विजय प्राप्त की थी। कारगिल की जंग में पंजाब के 65 महान सपूतों ने देश की रक्षा करते हुए शहीदी प्राप्त की थी। इनमें से 56 परिवारों को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सम्मानित करेंगे।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *