नईं दिल्ली। मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर विपक्ष का प्रर्दशन जोर पकड़ता जा रहा है। पिछले कईं दिन से लोकसबा व राज्यसभा में प्रर्दशन कर रहे विपक्ष ने गुरुवार को भी संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के सभी सांसद सुबह मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विरोध जताने काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण सिर्फ 6 मिनट बाद ही स्पीकर ओम बिड़ला को कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा में हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कड़ी फटकार लगाई।
स्पीकर ने कहा कि पूरा देश देख रहा है, आप उसके सामने कैसा उदाहरण पेश करना चाहते हैं। हंगामा न रुकता देख स्पीकर ने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। हालांकि इससे पहले I.N.D.I.A के सांसदों की गुरुवार सुबह 10.30 बजे पार्लियामेंट में बैठक हुई। इसमें सरकार को घेरने के लिए आगे की रणनीति पर विचार किया गया। उधर, राज्यसभा में भी विपक्ष के सांसद तख्तियां लेकर पहुंचे और प्रधानमंत्री सदन में आओ, सदन में आके कुछ तो बोलो, प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो… जैसे नारे लगाते देखे गए। यह देख एनडीए के सांसद मोदी… मोदी… के नारे लगाने लगे, तो विपक्ष ने I.N.D.I.A… I.N.D.I.A के नारे लगाए। नारेबाजी के बीच पहले राज्यसभा 12 बजे तक और उसके बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उधर मणिपुर में लगातार तीसरे दिन हिंसक घटनाएं जारी हैं। थोरबंग और कांगवे में गुरुवार सुबह से फायरिंग हुई। दोनों जगहों पर मैतेई और कुकी आमने सामने आ गए। हिंसा के बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मिजोरम में कुकी समुदाय के समर्थन में निकाली गई रैली पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हमारे अंदरूनी मामलों में दखल ना दिया जाए। आपको बता दें कि मानसून सत्र के पांचवें दिन 26 जुलाई को कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जिसे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंजूरी दे दी। स्पीकर ने नियमों के तहत 50 से ज्यादा सांसदों के समर्थन के बाद कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का समय, सभी दलों से बातचीत के बाद तय करेंगे। उधर कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा, ‘हमारी मांग थी कि प्रधानमंत्री खुद आकर बोलें। पता नहीं प्रधानमंत्री क्यों नहीं बोल रहे हैं। हमें मजबूरन अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। ये हमारी मजबूरी है। हम जानते हैं कि इससे सरकार नहीं गिरेगी।