हमें वैश्विक विश्वास के संकट को दूर करके विश्व को वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर की भावना से देखना होगा- पीएम मोदी
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आयोजित जी20 पार्लियामेंट्री स्पीकर समिट में कई विषयों को लेकर अपनी बात रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की संसदीय परंपराएं वक्त के साथ विकसित और मजबूत हुई हैं। यह दुनिया भर की विभिन्न संसदीय परंपराओं का एक अनूठा संगम है। जी20 की अध्यक्षता ने पूरे वर्ष भारत में उल्लेखनीय गतिविधियां सुनिश्चित कीं हैं व चंद्रमा की सतह पर उतरने में भारत को मिली सलफता ने जश्न को अधिक बढ़ा दिया है। उन्होनें आगे कहा कि मैं अगले वर्ष आम चुनाव का साक्षी बनने के लिए पी20 के सभी प्रतिनिधियों को भारत आने का आमंत्रण देता हूं। भारत में अब तक 17 आम चुनाव और राज्यों के 300 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। ईवीएम के इस्तेमाल ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाई है, अब चुनाव परिणामों की घोषणा वोटों की गिनती के कुछ घंटों के भीतर ही हो जाती है। अगले वर्ष भारत में होने वाले आम चुनाव में 100 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। वहीं, आतंकवाद के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत दशकों से सीमापार आतंकवाद का सामना कर रहा है। यहां आतंकियों ने हजारों निर्दोष लोगों की जान ली है। इतना ही नहीं, आतंकियों ने करीब 20 साल पहले हमारी संसद को भी अपना निशाना बनाया था व उस समय संसद का सत्र चल रहा था। आतंकियों की तैयारी सांसदों को बंधक बनाने व उन्हें खत्म करने की थी लेकिन भारत ऐसे अनेक आतंकी वारदातों से निपटते हुए यहां तक पहुंचा है। उन्होनें आगे कहा कि अब दुनिया को भी एहसास हो रहा है कि आतंकवाद कितनी बड़ी चुनौती है। आतंकवाद चाहे कहीं भी होता है, किसी भी कारण से होता है, किसी भी रूप में होता है लेकिन वो मानवता के विरुद्ध होता है, ऐसे में आतंकवाद को लेकर हम सभी को लगातार सख्ती बरतनी ही होगी। पीएम मोदी ने कहा कि हालांकि इसका एक वैश्विक पक्ष और है, जिसकी तरफ मैं आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं कि आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति नहीं बन पाना ये बहुत दुखद है। आज भी यूएन में इंटरनेशनल कंन्वेंशन इनकॉम्बेंटिंग टेररिज्म का कांससेस का इंतजार कर रहा है व दुनिया के इसी रवैए का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं। पीएम मोदी ने इज़रायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर कहा कि यह शांति और भाईचारे का समय है। इतना ही नहीं, यह सबके साथ मिलकर चलने, साथ आगे बढ़ने व सबके विकास और कल्याण का समय है। हमें वैश्विक विश्वास के संकट को दूर करके मानव केंद्रित सोच पर आगे बढ़ना होगा व हमें विश्व को वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर की भावना से देखना होगा।