संसद में बिल्कुल उचित व वैध मांग उठाने वाले लोगों के खिलाफ ऐसा एक्शन लेना सरकार का है लोकतंत्र पर हमला
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। सांसदो के निलंबन के बाद सोनिया गांधी ने सरकार पर पल्टवार किया है। सोनिया गांधी ने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कहा है कि इस सरकार ने 141 सांसदो को निलंबित करके लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। विपक्षी सांसदों के निलंबन पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा कि संसद में “बिल्कुल उचित और वैध मांग” को उठाने वाले लोगों के खिलाफ ऐसा एक्शन लेकर “इस सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। वह 20 दिसंबर यानी आज संसद के संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में की गई। संबोधित कर रही थीं। सोनिया ने कहा कि 13 दिसंबर को जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है और उसे सही नहीं ठहराया जा सकता है।
सोनिया गांधी ने कहा कि इससे पहले कभी भी इतने सारे विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित नहीं किया गया था और वह भी सिर्फ एक उचित और वैध मांग सदन के सामने रखने के लिए।उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों ने केवल 13 दिसंबर की “असाधारण घटनाओं” पर गृह मंत्री से बयान मांगा था, जब दो घुसपैठियों ने लोकसभा कक्ष में घुसकर बड़े पैमाने पर सुरक्षा उल्लंघन करते हुए रंगीन धुआं उड़ा दिया था। उन्होंने कहा कि जिस अहंकार के साथ इस अनुरोध पर विचार किया गया उसका वर्णन करने के लिए शब्द नहीं हैं। इस मामले पर देश को संबोधित करने में पीएम को चार दिन लग गए, वो भी उन्होंने संसद के बाहर किया।
सोनिया गांधी ने कहा कि ऐसा करके उन्होंने संसद की गरिमा के प्रति तिरस्कार और देश की जनता के प्रति अपनी उपेक्षा जाहिर की है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी सांसदों के निलंबन पर कहा था कि मोदी-शाह ने सदन की गरिमा का अपमान किया है। गंभीर सुरक्षा चूक के बावजूद वो संसद में आकर बयान नहीं देते। मुझे बहुत दुख है कि इतिहास में पहली बार इतने सांसदों को ससपेंड किया गया। यह लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने जैसा है, सदन की मर्यादा पर गहरी ठेस है। विपक्षी खेमे के 100 से ज्यादा सांसदों के निलंबन पर बीजेपी सांसद हेमा मालिनी का भी ब्यान सामने आया है।
हेमा मालिनी ने दो टूक कहा कि वह बहुत सारे सवाल पूछते हैं और अजीब व्यवहार करते हैं। सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि विपक्ष का एकमात्र लक्ष्य संसद को बाधित करना और मोदी सरकार की खिलाफत करना है। बीजेपी सांसद ने दो-तिहाई विपक्षी सांसदों के निलंबन को उचित ठहराते हुए कहा कि निलंबन का मतलब साफ है कि उन्होंने कुछ गलत किया है। हेमा मालिनी ने कहा कि उनको संसद के नियमों के हिसाब से काम करना चाहिए, लेकिन वह ऐसा नहीं करते हैं, इसीलिए उनको निलंबित कर दिया गया। हेमा मालिनी ने कहा कि उनका लक्ष्य मोदी सरकार को कैसे भी हटाना है, इसके लिए वह बहुत ही मेहनत कर रहे हैं, लेकिन वह सफल नहीं होंगे।
इस मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि वह विपक्ष-मुक्त लोकसभा चाहते हैं और वह राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही करेंगे। विरोध प्रदर्शन करने वालों में मैं शामिल भी शामिल था, उन्हें शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि वह बिना किसी चर्चा के अपने विधेयकों को पारित करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि यह संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है। वहीं, सांसदों के निलंबन पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सांसदो को निलंबित करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। जो वातावरण हम देख रहे हैं, जहां हम संसद में अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं वह सरकार की पूरी विफलता को दर्शाता है।
आपको बता दें कि लोकसभा से निलंबित किए गए सांसद अब चेंबर, लॉबी और संसद की गैलरी में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। लोकसभा सचिवालय ने इसे लेकर एक सर्कुलर भी जारी किया है। हालांकि, अगर वह सांसद किसी संसदीय समिति के सदस्य है तो उसकी कार्यवाही में भाग नहीं ले सकते हैं। जारी सर्कुलर के अनुसार निलंबित सांसदों के नाम से कोई बिजनेस भी लिस्ट नहीं होगा। साथ ही निलंबन के दौरान उन सांसदों का कोई भी नोटिस टेबल पर नहीं आएगा। इस सर्कुलर के अनुसार अगर इस दौरान किसी संसदीय समिति का चुनाव होता है तो उसमें भी निलंबित सदस्य हिस्सा नहीं ले पाएंगे। निलंबित सांसदों को डेली अलाउंस भी नहीं मिलेगा।