एक महीने में दुनियाभर में कोरोना के मामलों में 52% का हुआ इजाफा….
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में कोरोना के केस 4.50 करोड़ के पार… पिछले 24 घंटे में 752 नए मामले किए गए दर्ज…
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। दुनियाभर में एक बार फिर कोरोना ने अपनी दस्तक दी है। कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 को लेकर सेहत विभाग अलर्ट पर हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार पिछले एक महीने में दुनियाभर में कोरोना के मामलों में 52% का इजाफा हुआ हैं तो वहीं, 19 नवंबर से 17 दिसंबर के बीच 8 लाख 50 हजार केस रिपोर्ट हुए हैं व 3 हजार मौतें हुई हैं। हालांकि, इस एक महीने के दौरान डेथ रेट 8% तक घटा है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार पहला JN.1 का मरीज 8 दिसंबर को अमेरिका में मिला था। वहीं, कोविड के सब-वैरिएंट JN.1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में हुई जहां से यह तमाम देशों में फैलना शुरू हो गया था। कहा जा रहा है कि यह सब-वैरिएंट पिरोलो वैरिएंट (बीए.2.86) से जुड़ा हुआ है जो इंसानी शरीर की इम्यूनिटी के खिलाफ खतरनाक बताया जा रहा है। अगर भारत की बात करें तो इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार भारत में सबसे पहला JN.1 वैरिएंट का केस केरल के तिरुवनंतपुरम में पाया गया था। 79 साल की एक महिला को इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे जिसके बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि, बाद में वह ठीक हो गई थी। भारत में कोरोना के केस 4.50 करोड़ के ऊपर पहुंच गये हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटे में 752 नए मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, 325 लोग ठीक हुए हैं, जबकि संक्रमण की वजह से 4 लोगों की मौत हुई है। देश में एक्टिव मामलों की संख्या 3 हजार 420 है। सेहत विभाग के अनुसार केरल में सबसे ज्यादा 565 केस मिले हैं व 2 लोगों की मौत हुई है। वहीं, एक्टिव केस के मामले में केरल के बाद कर्नाटक 70 केस पाए गए हैं। देशभर में कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने नए वैरिएंट को लेकर सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है जिसमें राज्यों को ज्यादा से ज्यादा कोविड टेस्ट करवाने के आदेश जारी किए गए हैं। केंद्र ने पॉजिटिव सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब भेजने का भी निर्देश दिया है। केंद्र के निर्देशों के अनुसार क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान लोगों को खास तौर पर सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, यह भी कहा गया है कि अभी ज्यादा घबराने या तुरंत प्रतिबंध लगाकर निगरानी बढ़ाने की जरूरत नहीं है। हालांकि, केरल और तमिलनाडु से लगे सभी सीमावर्ती जिलों को सतर्कता बरतनी चाहिए।