शोषण के आरोपी संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को संघ का नया अध्यक्ष बनाने पर खिलाड़ियों में थी भारी नाराजगी
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ को लेकर विवाद गहराने के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने WFI के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह समेत पूरे कुश्ती संघ की मान्यता को रद्द कर दिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले से खिलाड़ियों में खुशी का माहौल है। दरअसल, भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव कई बार स्थगित हो चुके हैं। कई राज्यों के कुश्ती संघ चुनाव की मौजूदा प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं।
कई राज्यों के कुश्ती संघ की याचिका पर कई बार कुश्ती संघ के चुनाव पर रोक लग चुकी है। इसी वजह से विश्व कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता निलंबित कर दी है। दूसरी तरफ भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा था। यौन शोषण के आरोपी संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को संघ का नया अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर खिलाड़ियों में भारी नाराजगी थी। इसके चलते बृजभूषण खेमें के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया था।
इसके बाद भारतीय पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया और पदक को फुटपाथ पर छोड़ दिया। विश्व कुश्ती संघ (यूनाइडेट वर्ल्ड रेसलिंग) ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता निलंबित कर दी है। भारतीय कुश्ती संघ में चुनाव नहीं होने की वजह से यह कार्रवाई की गई है। कुश्ती संघ की सदस्यता निलंबित होने के चलते आगामी विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारतीय पहलवान भारत के झंडे के तले नहीं खेलेंगे।
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल काफी पहले ही खत्म हो चुका है। इसके बाद कुश्ती संघ में चुनाव कराने के कई प्रयास किए गए और सुप्रीम कोर्ट ने कई बार चुनाव की तारीखें तय की, लेकिन अलग-अलग हाईकोर्ट अलग-अलग राज्य के कुश्ती संघों की याचिका के आधार पर चुनाव में रोक लगाते रहे हैं। इसी वजह से अब तक कुश्ती संघ के चुनाव नहीं हो पाए हैं। मामले ने तूल पकड़ा तो केंद्रीय खेल मंत्रालय ने विवाद को बढ़ता देख भारतीय कुश्ती संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह समेत पूरे कुश्ती संघ की मान्यता को ही रद्द कर दिया है।