महाराष्ट्र में उद्दव सरकार पर संकट, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लगाई फ्लोर टेस्ट पर रोक

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कोर्ट ने कहा, हम आपकी हर बात सुनेंगे लेकिन फ्लोर टेस्ट पर रोक नहीं लगा सकते हैं, अस्तीफा दें सकते हैं उद्धव ठाकरे…

टाकिंग पंजाब

मुंबई। महाराष्ट्र में पिछले कईं दिनों से चल रहा सियासी घमासान सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। इस घमासान पर सुप्रिम कोर्ट पर वकीलों ने 3 घंटे 10 मिनट तक दलीलें पेश कीं। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आखिरकार कोर्ट ने बुधवार रात 9 बजे अपना फैंसला सुनाते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल के 30 जून को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश को सही मानते हुए फ्लोर टेस्ट करवाने का आदेश जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैंसले के बाद अब गुरूवार 30 जून को 11 बजे फ्लोर टेस्ट होना तय माना जा रहा है। माना जा रहा है कि फ्लोर टेस्ट से पहले ही उद्धव ठाकरे अस्तीफा दें सकते है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैंसले से शिंदे गुट का पलड़ा भारी हो गया है। सुप्रीम कोर्ट  फ्रलोर टेस्ट पर फैसला सुनाते हुए फ्लोर टेस्ट की इजाजत दे दी है। शिवसेना की तरफ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश हुए थे तो शिंदे गुट की तरफ से एडवोकेट नीरज किशन कौल ने पैरवी की।

इससे पहले सिंघवी ने फ्लोर टेस्ट पर आपत्ति जताते हुए दलील दी कि 16 बागी विधायकों को 21 जून को ही अयोग्य घोषित किया जा चुका है। ऐसे में इनके वोट से बहुमत का फैसला नहीं किया जा सकता। ​​​​सिंघवी ने मांग की है कि या तो बहुमत का फैसला स्पीकर को करने दें या फिर फ्लोर टेस्ट टाल दें। ​

दूसरी तरफ शिंदे गुट की तरफ से एडवोकेट नीरज किशन कौल ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार ही नहीं, उद्धव की पार्टी भी अल्पमत में आ चुकी है। ऐसे में हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए फ्लोर टेस्ट करवाना ही सबसे बेहतर विकल्प है व इसे टाला नहीं जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शिंदे के साथ गए विधायकों ने शिवसेना नहीं छोड़ी है। बहुमत उनके साथ है, इसलिए वही असली शिवसेना हैं। दोनों वकीलों की दलीलों को सुनते हुए आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस फ्लोर टेस्ट पर रोक नहीं लगा रहे हैं।

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