आने वाले दिनों में अब भारत विश्व की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था हो जाएगी व ये मोदी की गारंटी है- पीएम मोदी
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में भाग लिया व समिट में शामिल होने आए तमाम देशों का धन्यवाद किया। इस समिट में भाग लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए गर्व की बात है कि हमारी जी 20 प्रेसिंडेंसी में अफ्रीकन यूनियन को स्थाई सदस्यता मिली है। प्रेसीडेंट यूसी के इस यात्रा से भारत व अफ्रीका की घनिष्ठा और बढ़ी है व चेक रिपब्लिक लंबे समय से वाइब्रेंट समिट से जुड़ा हुआ है। भारत व चेक के बीच ऑटोमोबाइल, मैन्यूफेंक्चरिंग सेक्टर व अन्य सेक्टर में लगातार सहयोग बढ़ रहा है व आपकी इस यात्रा से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।
उन्होनें आगे कहा कि दोस्तों, यूएई के राष्ट्रपति बिन जैद का इस आयोजन में शामिल होना हमारे लिए बेहद खुशी की बात है। वाइब्रेंट गुजरात के इस समिट में उनका यहां चीफ गेस्ट के तौर पर होना है भारत व यूएई के दिनों दिन मजबूत होते आत्मीय संबंधों का प्रतीक है। भारत को लेकर उनका विश्वास और उनका सहयोग बहुत ही गर्मजोशी से भरा हुआ है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि हमने लक्ष्य रखा है कि जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष मनाएगा तब तक यह विकासशील नहीं बल्कि एक विकसित देश होगा। आज इसलिए ये 25 साल का कार्यकाल भारत का अमृत काल है। ये नए सपने नए संकल्प व नित्य नूतन सिद्धियों का काल है। इस अमृत काल में ये पहली बार वाइब्रेंट गुजरात समिट है इसलिए इसका महत्व और बढ़ गया है। पीएम मोदी ने कहा कि इस समिट में आए 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि भारत की इस विकास यात्रा के अहम सहयोगी हैं। आज से कुछ समय पहले भारत विश्व की पांचवें नवंबर की अर्थव्यवस्था थी लेकिन आने वाले दिनों में अब भारत विश्व की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था हो जाएगी और ये मोदी की गारंटी है। इतना ही नहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार की थीम है गेटवे टू द फ्यूचर व 21वीं सदी की दुनिया का फ्यूचर, हमारे साझा प्रयासों से ही बनेगा। भारत ने इसके लिए रोडमैप भी दिया है। भारत आईटी यूटी जैसे मल्टीनेशनल के साथ साझेदारी को और मजबूत कर रहा है व वन वर्ल्ड, वन फैमिली का सिद्धांत विश्व कल्याण के लिए अनिवार्य है। भारत आज विश्व मित्र की भूमिका में आगे बढ़ रहा है। भारत ने विश्व को भरोसा दिया है कि हम साझा लक्ष्य तय कर सकते हैं व अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। विश्व कल्याण के लिए भारत की प्रयास, प्रतिबद्धिता व भारत का परीश्रम आज की दुनिया को ज्यादा सुरक्षित बना रहा है।