आम आदमी कब से कर पाऐगा रामलला के दर्शन… दर्शन के लिए क्या लगेगा कोई शुल्क ? जाने विस्तार से …

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आरती का समय.. आरती में शामिल होने का तरीका.. आईए जानते हैं राम मंदिर से जुड़े ऐसे तमाम सवालों के जवाब

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नईं दिल्ली। अयोध्या के नए राम मंदिर में रामला की मूर्ती की प्राण प्रतिष्ठा में अब बस कुछ समय ही रह गया है। इस राम मंदिर में प्रभू श्रीराम के दर्शन करने को लेकर हर भारतीय व्याकुल हो रहा है। इस मंदिर में प्रभू श्रीराम की मूर्ती स्थापना के बाद आम आदमी कैसे दर्शन कर पाऐगा, इसको लेकर काफी सवाल उठ रहे है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर, आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। राम मंदिर में आम आदमी कब से दर्शन कर पाएगा ? क्या कोई शुल्क देना होगा ? आरती का समय क्या है ? आइये आपको राम मंदिर से जुड़े ऐसे तमाम सवालों के जवाब से अवगत करवाते हैं…

     सबसे पहले बात करते हैं कि मंदिर का कार्यभार कौन संभालेगा ? इसका जवाब यह है कि राम मंदिर का प्रबंधन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कर रहा है। इस ट्रस्ट की स्थापना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने की थी। ट्रस्ट ही मंदिर निर्माण की निगरानी भी कर रहा है। देश की नामी कंस्ट्रक्शन कंपनी लॉर्सम एंड टुब्रो मंदिर निर्माण में लगी है। दूसरा सवाल यह है कि आम आदमी प्रभू श्रीराम के कब से कर दर्शन सकेगा तो इसका जवाब यह है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद अगले दिन यानी 23 जनवरी से आम श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे। हालांकि ट्रस्ट के मुताबिक 22 जनवरी को आम श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था नहीं है।
    आम जनता के लिए अगले दिन यानि कि 23 जनवरी से कपाट खुलेंगे। अब कई लोगों का सवाल है​ कि मंदिर कब से कब तक खुला रहेगा तो इसके बारे में जैसी सूचना है, उसके अनुसार अयोध्या में राम मंदिर सुबह 7:00 बजे से दोपहर 11:30 बजे तक और इसके बाद 2:00 बजे से 7:00 तक आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुला रहेगा। दोपहर में करीब ढाई घंटे भोग व विश्राम के लिए मंदिर बंद रहेगा।
एक बात ओर है कि राम मंदिर में आरती की टाइमिंग क्या होगी ? तो उसका जवाब यह है कि राम मंदिर में रामलला की दिन में तीन बार आरती होती है। पहले सुबह 6:30 बजे, जिसे जागरण या श्रृंगार आरती कहते हैं।
   दूसरी दोपहर 12:00 बजे जिसे भोग आरती कहते हैं और तीसरी शाम को 7:30 बजे जिसे संध्या आरती कहते हैं। अब आरती में शामिल होने का हर भक्त का दिल करता है तो यह सवाल भी लोगों के मन में चल रहा है​ कि वह राम मंदिर आरती में कैसे शामिल हो सकते हैं ? इसका जवाब यह है कि अयोध्या के राम मंदिर में आरती में शामिल होने के लिए श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से पास लिया जा सकता है। इस पास के लिए वैध पहचान पत्र होना जरूरी है। हालांकि ट्रस्ट के मुताबिक एक बार में सिर्फ 30 लोग ही आरती में शामिल हो सकेंगे, इसलिए हर किसी का आरती में शामिल होना आसान नहीं है।
     अब सबसे बड़ा जो सवाल लोगों के मन में है कि क्या दर्शन के लिए कोई शुल्क देना होगा ? तो आपको बता दें​ कि अयोध्या के राम मंदिर में दर्शन बिल्कुल निशुल्क है। रामलला के दर्शन के लिए किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा। दिन में तीन बार आरती होती है, इसके लिए पास जरूर लेना पड़ेगा, जिनके पास पास होगा उन्हीं को आरती में शामिल होने की इजाजत मिलेगी। इसलिए लोगों को पैसे लेकर दर्शन करवाने वालों से बचना होगा। अब अगर राम मंदिर के निर्माण ‌‌व अन्य चीजों के बारे में बात करें तो लोगों में यह जिज्ञासा भी है कि राम मंदिर निर्माण पर कितना पैसा खर्च हुआ है ? दरअसल राम मंदिर निर्माण का कामकाज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट देख रहा है।
    श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्टने मंदिर निर्माण पर करीब 1800 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया था, जिसमें मैटेरियल कॉस्ट से लेकर मशीनरी, लेबर के खर्चे वगैरह शामिल हैं। अयोध्या के नए राम मंदिर में चार कोनों पर चार और देवताओं के मंदिर हैं। इसमें भगवान शिव, भगवान सूर्य, मां भगवती और भगवान गणेश जी हैं। इसके अलावा अन्नपूर्णा माता और हनुमान जी का भी मंदिर है। एक बात यह भी सामने आ रही है कि मंदिर का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि मंदिर कब पूरी तरह बनकर तैयार होगा ? ट्रस्ट की माने तो नागर शैली में बन रहे तीन मंजिला राम मंदिर का निर्माण कार्य इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
    मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष और पूर्व नौकरशाह नृपेंद्र मिश्र के मुताबिक मंदिर निर्माण लगभग आखिरी चरण में पहुंच चुका है। अब अगर किसी की मंदिर के दर्शन की इच्छा हो तो उसके मन में यह सवाल भी होगा कि वह अयोध्या कैसे जा सकते हैं ? इसका जवाब यह है कि आप रेल, बस अथवा और हवाई मार्ग से अयोध्या जा सकते हैं। अयोध्या रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी सिर्फ 5 किलोमीटर है। वहां से ऑटो रिक्शा या ई-रिक्शा वगैरह के जरिए मंदिर पहुंचा जा सकता है। इसी तरह अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी करीब 17 किमी है। लखनऊ हवाई अड्डे से सड़क मार्ग के जरिये भी अयोध्या जा सकते हैं. दूरी करीब 160 किमी है।

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