मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खनौरी बॉर्डर पर जान गंवाने वाले युवा किसान के परिवार को एक करोड़ रुपये देने का किया ऐलान…

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शुभकरण सिंह की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी- सीएम मान

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चंडीगढ़। 21 फरवरी को किसान आंदोलन में खनौरी बॉर्डर पर जान गंवाने वाले युवा किसान शुभकरण सिंह को लेकर किसान नेताओं और प्रशासन के बीच मीटिंग हुई थी जिसमें किसानों ने शुभकरण को शहीद का दर्जा, परिवार को आर्थिक सहायता, बहन को सरकारी नौकरी व हरियाणा सरकार- पुलिस पर मामला दर्ज करने की मांग रखी थी। किसानों ने कहा था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक वह शुभकरण का पोस्टमॉर्टम नहीं कराएंगे।          अब इसको लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक्स पर लिखा कि किसान आंदोलन में खनौरी बॉर्डर पर 21 फरवरी को जान गंवाने वाले युवा किसान शुभकरण सिंह को नफरत के साथ चलाई गई गोली का शिकार बनाया गया, इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के साथ किसी भी तरह की नरमी नहीं होगी व उन्हें अपराध के अनुसार सजा दी जाएगी। युवक की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी और उन्हें कड़ी सजा देना यकीनी बनाया जाएगा।        सीएम मान ने ऐलान किया कि शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार एक करोड़ रुपए देगी व शुभकरण की छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इतना ही नहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी किसान नेता की मौत पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि युवा शुभकरण सिंह की मृत्यु अत्यंत दुःखद है। परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं व पूरा पंजाब उनके परिवार के साथ खड़ा है।        उनकी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को सामने लाने के लिए जांच होनी चाहिए और सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए। मैं ऐसी दुर्घटना दोबारा होने से रोकने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता हूं क्योंकि हमारे हजारों शुभचिंतक अभी भी विरोध स्थल पर मौजूद हैं। जाखड़ ने आगे कहा कि दोनों पक्षों को याद रखना चाहिए कि हर जीवन कीमती है। जहां सरकारों और सुरक्षा बलों को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने के लिए संयम और संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।         वहीं किसान संगठनों को भी हमारे युवाओं के जुनून और ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए। इस आंदोलन के नेताओं को यह समझना चाहिए कि हमारे युवा हमारे देश की पूंजी हैं व उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी नापाक राजनीतिक उद्देश्यों के लिए युवाओं का दुरुपयोग न किया जाए। सभी मांगों का हल बातचीत से ही निकलेगा और दोनों पक्षों को बातचीत के जरिए ही हल निकालने के लिए आगे बढ़ना चाहिए।

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