विधायकों का इस्तीफा स्वीकार किए जाने पर विधानसभा की दोनों खाली सीटों पर भी कराना पड़ेगा उपचुनाव…
टाकिंग पंजाब
जालंधर। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहें हैं वैसे-वैसे राजनीति में हलचल बढ़ती जा रही है। बीते दिनों पूर्व सांसद सुशील कुमार रिंकू व जालंधर वेस्ट के विधायक शीतल अंगुराल ने आम आदमी पार्टी को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। वहीं, होशियारपुर के चब्बेवाल से कांग्रेस विधायक राजकुमार चब्बेवाल ने कांग्रेस छोड़ आम आदमी पार्टी जॉइन की थी। हालांकि, पूर्व विधायक शीतल अंगुराल व पूर्व कांग्रेस विधायक राजकुमार चब्बेवाल का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है। शीतल अंगुराल व राज कुमार ने पार्टी बदलने से पहले अपना इस्तीफा पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां को भेज दिया था। लेकिन नियमों के अनुसार, ऐसी परिस्थितियों में प्रत्येक विधायक द्वारा दिए गए इस्तीफे की नियमित रूप से जांच की जाती है। इतना ही नहीं, इस्तीफा मंजूर किए जाने से पहले पंजाब विधानसभा के स्पीकर का पक्ष भी देखा जाएगा। कानून के मुताबिक, विधानसभा की रिक्त सीटों के उपचुनाव की अधिसूचना चुनाव आयोग द्वारा की जानी होती है। अगर दोनों विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा की दोनों खाली सीटों पर भी उपचुनाव कराना पड़ेगा। हिमाचल प्रदेश में अयोग्य घोषित किए जा चुके 6 कांग्रेस विधायकों की तरफ से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामे जाने के बाद चुनाव आयोग की तरफ से आने वाले लोकसभा चुनावों के साथ ही उप-चुनाव करवाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है जिसके बाद हिमाचल में दल बदलने वाले सभी पूर्व विधायकों को भाजपा ने अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। बता दें कि गृहमंत्रालय की तरफ पूर्व सांसद सुशील कुमार रिंकू व जालंधर वेस्ट के विधायक शीतल अंगुराल को सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान की गई है। सुशील कुमार रिंकू को 18 सुरक्षाकर्मी व शीतल अंगुराल को 11 सुरक्षाकर्मी उपलब्ध करवाए गए हैं।