प्रधानाचार्या प्रवीण सैली ने दी समस्त शिव ज्योति परिवार को नए सत्र के शुभारंभ की शुभकामनाएँ
टाकिंग पंजाब
जालंधर। विद्यालय के संस्थापक स्वर्गीय डॉ. डीडी ज्योति, स्वर्गीय कृष्णा ज्योति के आशीर्वाद से, डॉ. विदुर ज्योति (चेयरमैन ट्रस्ट), डॉ.सुविक्रम ज्योति (चेयरपर्सन कम मैनेजर, मैनेजिंग कमेटी और जनरल सैक्रेटरी, ट्रस्ट) और प्रवीण सैली (प्रधानाचार्या), रमनदीप (उप-प्रधानाचार्या) तथा ममता अरोड़ा (सहायक उप-प्रधानाचार्या), के निर्देशन में विद्यालय में वर्ष 2024-25 के शैक्षणिक सत्र के शुभारंभ हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यालय परिसर में आयोजित विशेष सभा में ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती के समक्ष ज्योति प्रज्ज्वलित करके पुष्पांजलि अर्पित की गई। वर्ष 2024-25 के शैक्षणिक सत्र के शुभारंभ हेतु हवन-यज्ञ के आयोजन में प्रो. सोमनाथ शर्मा (मेंबर ऑफ मैनेजिंग कमेटी), उषा कपूर (मेंबर ऑफ मैनेजिंग कमेटी),बीबी ज्योति (ट्रस्टी), आर.आर.पी. शारदा (ट्रस्टी) विभा शारदा (मैनेजर,शिव देवी गर्ल्ज़ हाई स्कूल) विद्यार्थियों को आशीर्वाद देने के लिए विशेष रूप से उपस्थित हुए। विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य हेतु वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन-यज्ञ में आहुतियाँ डाली गईं। शिव ज्योति परिवार की ओर से पहली कक्षा में आने वाले नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों का विशेष रूप से स्वागत किया गया। विद्यार्थियों द्वारा भजन तथा विद्यालय-प्रार्थना करने के उपरांत विद्यालय का ध्वज भी फहराया गया। विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से विद्यालय के निर्धारित लक्ष्यों को अपने जीवन में अपनाने एवं अनुशासित जीवन व्यतीत करने का प्रण लिया। सभी विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक ‘हम होंगे कामयाब’ गीत गाया। अंत में, शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 100% उपस्थिति के लिए 51 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। प्रधानाचार्या प्रवीण सैली ने अपने संबोधन में समस्त शिव ज्योति परिवार को नए सत्र के शुभारंभ की शुभकामनाएँ दीं। विशेष अतिथि डॉ. रेखा कालिया ने विद्यार्थियों को सदैव ईश्वर का आभार व्यक्त करने, अपने अभिभावकों को अपना मित्र बनाने तथा सदैव सकारात्मक रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए सबको शुभकामनाएँ दीं। डॉ. सुविक्रम ज्योति ने वर्ष 2024-25 के शैक्षणिक सत्र के शुभारंभ के अवसर पर विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दीं तथा अपने संदेश में गायत्री मंत्र का सार बताते हुए कहा कि शिक्षा ग्रहण करने के कर्म में सात्विक बुद्धि ही हमारी प्रेरणा होती है। सात्विक बुद्धि ही सुमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है, जो अपने-आप ही हमें सुमार्ग पर चलाएगी। उन्होंने कामना कि विद्यार्थियों की बुद्धि सदैव सात्विक रहे, सब खूब पढ़ें और आगे बढ़ें।