लोकसभा चुनाव में औसत प्रदर्शन के बाद बीजेपी ने बदली अपनी रफ्तार… विपक्ष पर करारा प्रहार

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उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ व गुजरात में क्यों चल रही ‘भगवा लहर… मुंबई व दिल्ली में कैसे बजा बीजेपी का डंका

टाकिंग पंजाब

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने शानदार वापसी की है। हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद दिल्ली की सत्ता पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया है। हालांकि इस दौरान सिर्फ झारखंड व कश्मीर में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। इतना ही नहीं बीजेपी ने उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और अब गुजरात में हुए निकाय चुनावों में भी शानदार जीत दर्ज की है। राजनीति के जानकार से लेकर विपक्षी दलों के रणनीतिकार भी बीजेपी को मिल रही जीत से हैरान हैं। लोकसभा चुनाव में औसत प्रदर्शन के बाद बीजेपी ने अपनी रफ्तार बदल दी है। मुंबई व दिल्ली जैसे महानगर से लेकर छत्तीसगढ़ तक बीजेपी का डंका बज रहा है।   आइए जानते हैं क्या हैं इस जीत के मायने व बीजेपी को कैसे मिल रही है सफलता। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में क्लीन स्वीप किया था। छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में भाजपा ने सभी 10 नगर निगम जीते थे। अब गुजरात के निकाय चुनाव में भी भाजपा का डंका बजा है। गुजरात की 68 नगर पालिकाओं में से 60 पर भाजपा ने जीत हासिल करते हुए पूर्ण बहुमत प्राप्त किया है। इससे पहले उत्तराखंड में भी बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की थी। शहरी निकाय चुनाव में मेयर के 11 में से 10 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। हालांकि शहरों के साथ बीजेपी अब गांव में भी जीत रही है।    एक दौर था जब बीजेपी को कुछ राज्यों की पार्टी ही समझी जाती थी। कई ऐसे राज्य थे जहां बीजेपी के पास कोई संगठन नहीं था। दक्षिण भारत के भी कई राज्यों में बीजेपी के पास मजबूत संगठन था, लेकिन कुछ समय पहले तक दिल्ली से सटे राज्य राजस्थान, हरियाणा यहां तक की यूपी में बीजेपी कमजोर दिख रही थी। अब मजबूत संगठन के दम पर बीजेपी ने न सिर्फ वापसी की बल्कि दिल्ली के आसपास के तमाम राज्यों में अपनी मजबूत सरकार का गठन किया है। राजस्थान, हरियाणा, यूपी जो कि दिल्ली से सटे हैं पर बीजेपी का कब्जा है। बीजेपी की कोशिश रही है कि एक-एक मतदाता तक पहुंचा जाए।   मतदान प्रतिशत बढ़ाने और अपने पक्ष में ज्यादा से ज्यादा वोट डलवाने के लिए भाजपा की एक खास रणनीति होती है। इसके तहत हर क्षेत्र की वोटर लिस्ट के एक पेज के लिए एक मुखिया बनाया जाता है। वोटर लिस्ट के एक पेज पर आमतौर पर 30 मतदाताओं के नाम होते हैं। उस पेज पर शामिल सभी मतदाताओं से संपर्क करने का जिम्मा इसी पन्ना प्रमुख के पास होता है। लोकसभा चुनाव 2024 में पूर्ण बहुमत न मिलने के बाद बीजेपी की जबरदस्त वापसी के पीछे मजबूत संगठन को सबसे बड़ा फैक्टर बताया जा रहा है। बीजेपी देश की ऐसी पहली पार्टी रही है जिसने पिछले 2 दशक में सोशल मीडिया का जमकर उपयोग किया है।   हालांकि हाल के चुनावों में लगभग तमाम राजनीतिक दलों की तरफ से सोशल मीडिया का जमकर उपयोग किया गया लेकिन बीजेपी ने रणनीति बदलते हुए ग्राउंड जीरो पर भी पहुंच कर ऑफलाइन माध्यम से भी प्रचार अभियान को तेज किया। सोशल मीडिया का पिछले 2 दशकों में शानदार उपयोग करने का परिणाम देखने को मिल रहा है। इसके अलावा किसी राज्य के निकाय चुनावों में भी जीत पर प्रधानमंत्री तक की नजर बताती है कि पार्टी चुनावों को लेकर कितनी अधिक गंभीर रही है। बीजेपी की यह गंभीरता उसे अन्य पार्टियों से अलग बनाती है।   इसी अलग सोच के काकण दिल्ली में 10 साल तक सत्ता में रही आम आदमी पार्टी को बीजेपी ने पछाड़ दिया व बंगाल में सालों तक सत्ता में रहने वाले वामदलों की जगह बीजेपी प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका निभा रही है। दिल्ली में मिली बड़ी जीत ने जहां बीजेपी के हौं‍सलों को ओर उड़ान दी है, वहीं विपक्ष जो कभी एक जुट हो ही नहीं पाया, को बिखेर कर रख दिया है। बीजेपी की रफतार से लगता है कि दिल्ली फतेह के बाद अब वह बाकी बचे राज्यों में भी विपक्ष का सफाया करने की रणनीति में जुटने वाली है। बीजेपी अब बाकी राज्यों के अलावा साल 2027 में पंजाब में होने वाले चुनावों पर भी नजरें गड़ाऐं बैठी है। 

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