अध्यापक को सदैव ही नवीन ज्ञान अर्जित करते रहना चाहिए- प्रो. डॉ. अजय सरीन
टाकिंग पंजाब
जालंधर। हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर में प्रिंसिपल प्रो. डॉ. अजय सरीन के योग्यात्मक दिशा-निर्देशन अधीन बायोटैक्नालोजी विभाग भारत सरकार की डीबीटी स्टार स्कीम के तत्वावधान में ‘गुरु सिद्धता’ सात दिवसीय फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। एफडीपी के चौथे दिन डॉ. गौरव धूरिया, डॉ. वंदना भल्ला, डॉ. मनोज रिसोर्स पर्सन के रूप में शामिल हुए व पांचवें दिन डॉ. उमेश आर्या रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान ज्योति प्रज्ज्वलित कर डीएवी गान से किया गया। प्रिंसिपल प्रो. डॉ. अजय सरीन ने आए हुए मुख्य मेहमानों का प्लांटर भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अध्यापक को सदैव ही नवीन ज्ञान अर्जित करते रहना चाहिए और शोध कार्य में प्रवृत्त रहना चाहिए। हमें भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम करते रहना चाहिए जिससे अध्यापन कार्य को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके।
डॉ. गौरव धूरिया, एसोसिएट प्रो. मैकेनिकल इंजीनियर विभाग डेवियट कॉलेज, जालंधर ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि एक अच्छे अध्यापक के लिए हमेशा सीखते रहना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि अध्यापक को स्वयं को एक आदर्श बनाने का प्रयास करना चाहिए। एक अध्यापक शिक्षक होने के साथ-साथ विद्यार्थियों का सहायक व दोस्त भी होना चाहिए। इस कार्यक्रम का मंच संचालन प्रोतिमा मंडेर व गगनदीप द्वारा सफलतापूर्वक किया गया।