संक्रमित रोगी को रहना होगा 21 दिन तक क्वारैंटाइन… भारत समेत 80 देशों में 20710 मरीजों की हो चुकी है पुष्टि
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। कोरोना के बाद अब देश में मंकीपॉक्स ने दहशत फैला रखी है। मंकीपॉक्स का पहला केस 14 जुलाई को केरल के कोल्लम में मिला था। इसके बाद केरल में ही 18 व 22 जुलाई को दूसरे व तीसरे केस की पुष्टि हुई थी। इसके बाद 25 जुलाई को दिल्ली में चौथे केस की पुष्टि हो गई थी। सभी के सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेज दिए गए हैं। हालांकि, अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब कुछ जरूरी गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस में 21 दिनों का आइसोलेशन, घावों को ढककर रखना व ट्रिपल लेयर का मास्क पहनना शामिल है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अर्ल्ट जारी कर दिया है।
मंकीपॉक्स को लेकर मंत्रालय ने जारी की गाईडलाइन
1- मंकीपॉक्स संक्रमित रोगी को 21 दिन तक क्वारैंटाइन रहना होगा।
2- चेहरे पर मास्क पहनने के साथ-साथ हाथों को धोते रहें। मास्क तीन लेयर वाला पहनना चाहिए।
3- घावों को पूरी तरह से ढककर रखें। पूरी तरह से ठीक होने तक अस्पताल में रहना होगा।
4- अस्पताल के वार्ड में भर्ती संक्रमित रोगी या फिर संदिग्ध रोगी की किसी भी दूषित चीजों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को तब तक ड्यूटी से बाहर नहीं करना है, जब तक उनमें कोई लक्षण विकसित न हो। हालांकि, ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारियों की 21 दिन तक निगरानी बहुत जरूरी है।
5- मंकीपॉक्स मरीज के संपर्क में आने, उससे शारीरिक संपर्क बनाने या फिर उसके आसपास दूषित चीजों जैसे कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में आने पर संक्रमण फैल सकता है। इससे बचना बहुत जरूरी है।
दुनिया के कईं देशों को डरा रहा है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स भारत में नहीं बल्कि दुनिया के कईं देशों को डरा रहा है। वैबसाईट monkeypoxmeter.com के डेटा के अनुसार मंकीपॉक्स की भारत समेत 80 देशों में 20710 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इस बीमारी से ग्रस्त टॉप 10 देशों में ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, कनाडा, नीदरलैंड्स, इटली व बेल्जियम शामिल हैं। इनमें से यूरोप में सबसे ज्यादा करीब 12 हजार लोग मंकीपॉक्स की चपेट में आए हैं। इतना ही नहीं मंकीपॉक्स से इस साल तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इस बिमारी के खतरे का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर पूरी दुनिया में हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। WHO का कहना है कि यह बीमारी मरीज की त्वचा से संप्रक होने या फिर उसे खाना खिलाने से भी फैलती है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन व बिस्तर छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।