रिटायरमेंट की उम्र 70 साल होनी चाहिए, युवाओं को मौका देने के लिए खुद भी 70 साल की उम्र में हो जाएंगे रिटायर- सतीश पूनिया
टाकिंग पंजाब
जयपुर। भाजपा के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शुक्रवार को जयपुर में आयोजित टॉक जर्नलिज्म कार्यक्रम के दौरान एक सवाल का जवाब देकर खुद के लिए मुसीबत खड़ी कर ली है। दरअसल कार्यक्रम में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पूनिया ने कहा कि रिटायरमेंट की उम्र 70 साल होनी चाहिए। आगे कहा कि युवाओं को मौका देने के लिए वह खुद भी 70 साल की उम्र में रिटायर हो जाएंगे व अगले साल राजस्थान में होने वाले चुनाव उनके नेतृत्व में लड़े जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने 50 फीसदी टिकट युवा चेहरों को देगी। आपको बता दें कि भाजपा ही देश की एक ऐसी पार्टी है, जिसने अघोषित तौर पर 75 वर्ष को रिटायरमेंट की उम्र तय कर दी है। लेकिन पूनिया का यह बयान उन पर ही भारी पड़ सकता है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि पूनिया ने भले ही यह बयान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर दिया हो, लेकिन उनका यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आहत कर सकता है।
वसुंधरा अभी 69 साल की हैं और राज्य में विधानसभा चुनावों तक 70 साल की हो जाएंगी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी 70 साल का आंकड़ा पार कर चुके हैं। पूनिया के विरोधी यह सवाल पूछ रहे हैं कि ऐसे में क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री भी रिटायर हो जाना चाहिए? पूनिया का यह बयान कई वरिष्ठ नेताओं और उनके समर्थकों को निराश कर सकता है।
राजस्थान के यह नेता हो चुके हैं 70 पार
पूनिया के बयान के कारण प्रदेश के कई बड़े नाम कैलाश मेघवाल, गुलाबचंद कटारिया, नंदलाल मीणा, लादुराम विश्नोई, सुंदरलाल, किशनाराम नाई, तरूण राय कागा, सूर्यकांता व्यास, गोपाल जोशी, जयनारायण पूनिया सहित कई वरिष्ठ नेताओं को टिकट की दौड़ से बाहर होना पड़ सकता है क्योंकि यह नेता 70 की आयु के पार हो चुके हैं। हालांकि, सतीश पूनिया ने इस को अपनी निजी राय बताया है लेकिन भाजपा प्रदेश की निजी राय भी केंद्रीय नेतृत्व से अलग होना अच्छा संकेत नहीं है।