संजय राउत पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, संजय राउत पर जांच में सहयोग न करने का आरोप
टाकिंग पंजाब
महाराष्ट्र के 1000 करोड़ से ज्यादा के पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में ईडी की टीम शिवसेना नेता संजय राउत के घर पर दस्तक दी है। ईडी ने रविवार सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए संजय राऊत से कुछ सवाल किए है। पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। जानकारी के मुताबिक, सुबह-सुबह उनके आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पहुंची है। माना जा रहा है कि ईडी की टीम राउत को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। राउत पर जांच में सहयोग न करने का आरोप है। ईडी की टीम संजय राउत से पूछताछ कर रही है। उन्हें 27 जुलाई को ईडी ने तलब किया था। हालांकि, वह अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए थे। इसके बाद ईडी के अधिकारी उनके घर पहुंचे है
मर भी जाऊं तो समर्पण नहीं करूंगा
इस बीच संजय राउत का ट्वीट सामने आया है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। यह मैं शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शपथ लेकर कह रहा हूं।
बालासाहेब ने हमें लड़ना सिखाया है। मैं शिवसेना के लिए लड़ना जारी रखूंगा। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को झूठी कार्रवाई बताया। कहा झूठे सबूत हैं। मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा, मैं मर भी जाऊं तो समर्पण नहीं करूंगा।
आखिर क्या है यह पात्रा चॉल मामला.. पढ़े
यह मामला मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा है। यह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है। इसमें करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में संजय राउत की नौ करोड़ रुपये और राउत की पत्नी वर्षा की दो करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त हो चुकी है। आरोप है कि रीयल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया।
एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। शेष एमएचएडीए और उक्त कंपनी को दिए जाने थे, लेकिन वर्ष 2011 में इस विशाल भूखंड के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था।