बिजली संशोधन बिल पर बोले मुख्यमंत्री..सड़क से संसद तक करेंगे बिल की ​खिलाफत 

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कहा..विधेयक राज्यों के अधिकारों पर हमला, राज्यों को कठपुतली न समझे केंद्र सरकार..

टाकिंग पंजाब

चंडीगड़। केंद्र सरकार की तरफ से लाए जा रहे बिजली संशोधन बिल पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कड़ा विरोध जताया है। भगवंत मान ने इस विधेयक को राज्यों के अधिकारों पर एक और हमला करार देते हुए केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि केंद्र राज्यों को कठपुतली न समझे। हम अपने अधिकार के लिए सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेंगे। केंद्र सरकार के इस बिल को संसद में लेकर आने  पर भगवंत मान ने कहा कि हम इस बिल को संसद में पेश करने का सख्त विरोध करते हैं।

उधर आप सरकार के वित्त मंत्री हरपाल चीमा का कहना है कि 2020 में यह बिल लाया गया तो किसानों ने इसका विरोध किया था, जिसके बाद केंद्र ने इसे वापस ले लिया। उस वक्त केंद्र ने वादा किया था कि इस बिल को राज्यों के साथ सलाह करके ही दोबारा लाएंगे। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने किसी राज्य से चर्चा नहीं की व बिल ले आए। चीमा ने इसे संघीय ढांचे पर बहुत बड़ा हमला करार दिया।

बिल पास हुआ तो होगा अंबानी-अडानी जैसे प्राइवेट घरानों का अधिकार 

चीमा ने कहा कि इस बिल के आने से बिजली क्षेत्र प्राइवेट हाथों में चला जाएगा, जिसससे आम आदमी का जीना मुश्किल हो जाएगा। इस बिल के बाद अंबानी-अडानी जैसे प्राइवेट घरानों का अधिकार हो जाएगा। बिजली प्राइवेट हो जाएगी व लोगों को कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी। हरपाल चीमा ने अकाली दल पर हमला करते हुए कहा कि जिस वक्त यह बिल आया था तो अकाली सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भी साइन किए थे। अब वह किस मुंह से इसका विरोध कर रहे हैं। अंदर से वह भाजपा के साथ हैं। आम आदमी इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी और राज्यसभा में आप के सांसद इसका विरोध करेंगे।

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