पुलिस पर दबाव बनाने व पर्चा रद्द न होने देने के आरोपों के बीच फिर सुर्खियों में आए वैस्ट हल्के से विधायक शीतल अंगुराल
टाकिंग पंजाब
जालंधर। गुरूवार को सैंकड़ों लोगों ने विधायक शीतल अंगुराल पर कुछ आरोप लगा गुरु रविदास चौक पर धरना लगा दिया। मामला बस्ती दानिशमंदा में करीब 2 महीने पहले हुए गोलीकांड का बताया जा रहा है, जिसमे पीड़ित व्यक्ति ने आरोप लगाए हैं कि इस मामले में समझौता हो जाने के बावजूद विधायक के दबाव पर झूठे केस को रद्द नहीं किया जा रहा है।
धरना प्रर्दशन कर रहे सुरेंद्र सिंह ने कहा कि 21 मई को जब दीपू नामक युवक का झगड़ा हुआ था उस दिन वह घर पर ही नहीं थे। वह अपने छोटे भाई के घर पर हरगोबिंद नगर में थे। उन्होंने पुलिस को अपने घर पर लगे सीसीटीवी कैमरों और भाई के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी दी। इसके बाद दोनों का राजीनामा भी हो गया। यहां तक कि तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ने एफआईआर रद करने के आदेश भी दे दिए व इलाके के एसीपी ने उन्हें रद्द एफआईआऱ की नकल देने का भी आश्वासन दिया था, लेकिन बावजूद इसके अभी तक पर्चा रद्द नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब कुछ विधायक शीतल अंगुराल के कहने पर किया जा रहा, क्योंकि सुरेंद्र व लाली पूर्व कांग्रेस विधायक सुशील रिंकू के समर्थक हैं। विधायक शीतल अंगुराल राजनीतिक रंजिश के कारण ऐसा कर रहे हैं। महिला कुलजीत कौर व सुरेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस उन पर विधायक शीतल अंगुराल के पास जाकर राजीनामा करने के लिए दबाव बना रही है। इससे पता चलता है कि पुलिस भी विधायक के कहने पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि वह विधायक शीतल अंगुराल के दफ्तर में नहीं जाएंगे। सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अगर उनके साथ कोई धक्का किया जाता है तो वह तेल डालकर खुद को आग लगा लेंगे, जिसकी जिम्मेदारी विधायक शीतल अंगुराल व पंजाब सरकार की होगी। इस बारे में जब विधायक शीतल अंगुराल का पक्ष जानने की कौशिश की गई तो उन्होंने फोन नही उठाया। जैसे ही उनसे बात होती है, उनका पक्ष भी प्रमुख्ता के साथ छापा जाऐगा।