पहलवानों के सत्याग्रह करने को लेकर डिप्टी पुलिस कमिश्नर का बयान… अगली बार धरने की इजाजत मांगी तो जंतर-मंतर नहीं, दूसरी जगह पर भेजेंगे…

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रिटायर्ड आईपीएस ने किया ट्वीट… अभी तो सिर्फ कचरे के बोरे की तरह घसीट कर फेंका है, ज़रूरत हुई तो गोली भी मारेंगे…

बजरंग पूनिया का जवाब… कसम है पीठ नहीं दिखाएंगे, सीने पे खाएंगे तेरी गोली… 

टाकिंग पंजाब

दिल्ली। जहां एक तरफ बृजभूषण के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों के साथ पुलिस की झड़प हो रही है, वहीं, दूसरी तरफ केंद्र सरकार इस विषय पर पूरी तरह अपनी आंखें बंद करके बैठी है। हैरानी की बात तो यह है कि पहलवानों की इस स्थिति पर प्रधानमंत्री या ग्रहमंत्री का एक भी बयान नहीं आया है। ऐसा लग रहा है जैसे केंद्र सरकार को पहलवानों का संघर्ष दिखाई ही नहीं दे रहा हो। जो खिलाड़ी देश का गौरव होते हैं, जिन खिलाड़ियों के जीत पर पूरा देश जश्न मनाता है, गर्व महसूस करता है, आज उन्हीं खिलाड़ियों के साथ इतना बुरा बर्ताव किया जा रहा है।        पहलवानों के साथ हुई पुलिस की झड़प के बाद विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों को हिरासत में लेकर दंगा फैलाने, सरकारी काम में बाधा डालने जैसे आरोप के आधार पर एफआईआर दर्ज की व बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया था। पुलिस ने कहा कि हमने 38 दिन से धरना दे रहे पहलवानों को हर मुमकिन सुविधा दी थी, लेकिन रविवार को इन लोगों ने कानून तोड़ा। पहलवानों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर साक्षी मलिक ने कहा कि दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं व शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए। क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है? सारी दुनिया देख रही है कैसे सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ बर्ताव कर रही है। हम वापस जंतर-मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे।      साक्षी मलिक के जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने को लेकर डिप्टी पुलिस कमिश्नर सुमन नालवा ने कहा कि अगर पहलवानों ने अगली बार धरने की इजाजत मांगी तो हम उन्हें जंतर-मंतर नहीं, दूसरी जगह पर भेजेंगे। इतना ही नहीं, रिटायर्ड आईपीएस डॉ.एनसी अस्थाना ने ट्वीट कर गोली मारने की बात कही है। उन्होनें ट्वीट करते हुए लिखा कि ज़रूरत हुई तो गोली भी मारेंगे। मगर, तुम्हारे कहने से नहीं। अभी तो सिर्फ कचरे के बोरे की तरह घसीट कर फेंका है।         दफ़ा 129 में पुलिस को गोली मारने का अधिकार है। उचित परिस्थितियों में वो हसरत भी पूरी होगी। मगर वह जानने के लिये पढ़ा-लिखा होना आवश्यक है। फिर मिलेंगे पोस्टमार्टम टेबल पर! रिटायर्ड आईपीएस की इस बात का कड़ा जवाब देते हुए पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि ये आईपीएस ऑफिसर हमें गोली मारने की बात कर रहा है। भाई सामने खड़े हैं, बता कहां आना है गोली खाने…कसम है पीठ नहीं दिखाएंगे, सीने पे खाएंगे तेरी गोली। यही बाकी रह गया है अब हमारे साथ करना, तो यो भी सही।         विनेश फोगाट ने एनकाउंटर किए जाने पर कहा कि दिल्ली से पहलवान सामान लेकर वापस जा रहे थे तो पुलिस पीछे लग गई। पुलिस ने बताया कि पहलवानों को सिक्योरिटी देनी है। मैंने उनसे पूछा कि हमें रविवार शाम 7:30 बजे थाने से छोड़ा गया था, उसके बाद से ये पीएसओ कहां थे। पीछा करने की क्या जरूरत है। क्या हमारा एनकाउंटर करना चाहते हो? हो सकता है कि पुलिस के भेष में ये बृजभूषण ने ही भेजे हों। सभी के पास हथियार थे। हो सकता है कि हमारा एनकाउंटर कर दिया जाए।

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