खेल मंत्री के पास पहुंचा पीबीए की अलमारियों में मिले लाखों के खेल उपकरणों का मामला

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डीबीए सचिव रितिन खन्ना ने घोटाले की जांच के लिए समिति गठित करने हेतु लिखा खेल मंत्री को पत्र लिखा

टाकिंग पंजाब

जालंधर। रायजादा हंसराज स्टेडियम में पंजाब बैडमिंटन एसोसिएशन की अलमारियों में कई सालों से बंद पड़े लाखों रुपए के खेल सामान का मामला पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर के पास पहुंच गया है।

डिस्ट्रिक बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव व पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी रितिन खन्ना ने खेल मंत्री को लिखे पत्र में साफ तौर पर बैडमिंटन उपकरण घोटाले में कथित आरोपी के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया है।

खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को लिखे पत्र में रितिन खन्ना ने लिखा है कि प्राथमिक जांच के दौरान प्रथम दृष्टया इस घोटाले में उंगली पूर्व पीबीए सचिव राजिंदर कलसी पर ही उठ रही है क्योंकि राजिंदर कलसी करीब 35 साल तक सचिव के पद पर रहे हैं।

इसके अलावा अलमारियों से जो खेल सामान मिला है वो सारा राजिंदर कलसी के कार्यकाल का है। यह लाखों का खेल सामान जो खिलाडिय़ों में बांटा जाना था उसे कथित तौर पर खुले बाजार में बेच दिया गया।

पत्र में पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी रितिन खन्ना ने साफ तौर पर लिखा है कि पीबीए से खेल का सामान न मिलने पर योनेक्स कंपनी के पास खिलाडिय़ों ने नियमित रूप से शिकायतें दर्ज करवाईं। इन सब बातों को देखते हुए योनेक्स ने २०१९ में पीबीए के साथ करार रद्द कर दिया, जिससे बैडमिंटन खिलाडिय़ों को काफी नुकसान हुआ।

इस पत्र में डीबीए सचिव रितिन खन्ना ने खेल मंत्री से आग्रह किया है कि वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी गठित करके पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए ताकि आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।

उधर इस मामले में राजिंदर सिंह कलसी का कहना है कि उनके परिवार में कुछ मिसहेपनिंग हुई है, इसलिए वह ज्यादा कुछ नहीं कहँगे। उन्होंने कहा कि मैं बस इतना कहूंगा कि उन पर लगाए आरोप झूठे व बेबुनियाद है।

 

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