गवर्नर बनवारी लाल ने कहा.. लगता है मुख्यमंत्री भगवंत मान के कानूनी सलाहकार उन्हें नहीं दे रहे पर्याप्त जानकारी
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़ । पंजाब विधानसभा का स्पेशल सेशन रद्द किए जाने के बाद से ही पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल व आम आदमी पार्टी में टकरार चल रही है। एक तरफ जहां पंजाब के मुख्यमंत्री व अन्य नेता इस स्पेशल सेशन रद्द किए जाने का विरोध कर रहे हैं व दूसरी तरफ पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब विधानसभा का स्पेशल सेशन रद्द किए जाने के बाद सीएम भगवंत मान को संविधान का पाठ पढ़ाया है।
इससे पहले गवर्नर के सेशन का एजेंडा पूछे जाने पर सीएम भगवंत मान ने कहा था कि 75 साल में यह पहली बार हो रहा है। कल को गवर्नर कहेंगे कि सबकी स्पीच भी अप्रूव कराओ। यह बहुत ज्यादा है। गवर्नर ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से कहा कि मीडिया में उनका बयान पढ़ने के बाद उन्हें ऐसा प्रतीत हुआ है कि शायद वह मुझसे काफी नाराज हैं, लेकिन लगता है मुख्यमंत्री भगवंत मान के कानूनी सलाहकार उन्हें पर्याप्त जानकारी नहीं दे रहे हैं।
इसलिए उन्हें संविधान के आर्टिकल-167,168 के प्रावधान पढ़ने के लिए भेजे हैं। इसे पढ़ने के बाद सीएम मान की राय उनके बारे में निश्चित रूप से बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि गवर्नर और सीएम का काम क्या होता है ? सीएम यह समझ सकें कि स्पेशल सेशन रद्द क्यों किया गया व संविधान के अनुसार सेशन बुलाने की सही प्रक्रिया क्या होती है।
आर्टिकल-167 के अनुसार प्रत्येक राज्य के सीएम का यह कर्तव्य होगा कि राज्य के मामलों में प्रशासन और कानून के प्रस्तावों से संबंधित मंत्री परिषद के सभी निर्णय राज्य के राज्यपाल को सूचित करें। राज्य के मामलों से संबंधित प्रशासनिक व कानून के प्रस्तावों से संबंधित ऐसी जानकारी प्रस्तुत करना, जो राज्यपाल मांगें। यदि राज्यपाल की आवश्यकता है तो किसी भी मामले को मंत्री परिषद के विचार के लिए प्रस्तुत करने के लिए, जिस पर एक मंत्री द्वारा निर्णय लिया गया है, लेकिन मंत्री परिषद द्वारा विचार नहीं किया गया है।
आर्टिकल-168 के अनुसार हर राज्य में गवर्नर के नेतृत्व में एक विधायिका का गठन होगा। इसमें कुछ राज्यों में 2 सदन वाली विधायिकाएं हैं और कुछ में एक सदन वाली विधायिका मौजूद हैं। इसके बाद लगता है कि सीएम भगवंत मान व पंजाब के गवर्नर के बीच चल रही यह जुबानी युद्द अभी आगे भी जारी रहेगा।