करप्शन, अधूरे वादे, खेती-किसानी, बढ़ती नशाखोरी, एससी/ओबीसी व लॉ एंड ऑर्डर की बिगड़ती स्थिति पर घेरी मान सरकार
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा का विशेष सेशन बुलाने के लिए कईं पापड़ बेले। उन्होने एलजी से लेकर हर विरोधी पार्टी के नेताओं के सवालो के जवाब भी दिए। इसके बाद एलजी ने विधानसभा का विशेष सेशन बुलाने की अनुमति भी दे दी। इस बुलाए गए सेशन में सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जैसे ही विश्वास प्रस्ताव पेश किया, बीजेपी के विधायकों ने इसका विरोध करते हुए सदन का बायकॉट कर दिया। बहरहाल मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपनी ही पार्टी के साथ इस सेशन को आगे बढाना पड़ा।
विरोधी पार्टीयो का विरोध तो इतना बढा कि भाजपा ने तो विधानसभा सत्र के समानांतर ‘पब्लिक विधानसभा’ ही लगा ली। चंडीगढ़ में सेक्टर-37 स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय के पास हुए विधानसभा सत्र के समानांतर इस पब्लिक विधानसभा में पंजाब से जुड़े 6 मुद्दे उठाए गए। इनमें करप्शन, अधूरे वादे, खेती-किसानी, बढ़ती नशाखोरी, एससी/ओबीसी व लॉ एंड ऑर्डर की बिगड़ती स्थिति शामिल रही।
कांग्रेस से कुछ महीने पहले ही भाजपा में आए पूर्व सांसद सुनील जाखड़ ने भगवंत मान सरकार के शासनकाल में पंजाब में बढ़े भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया व सूबे में बढ़ते क्राइम पर सवाल खड़े किए। भाजपा नेताओं ने कहा कि पंजाब में अमन-कानून की स्थिति बदतर हो चुकी है। सरकार ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए ऑपरेशन लोटस जैसे बहाने बनाए। राज्य को कर्ज से उभारने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है।
इससे पहले पंजाब भाजपा की कोर कमेटी की मीटिंग में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस में छोटी सोच के लोग हैं। कांग्रेस में लगातार टांग खींचने का दौर जारी रहा, इसलिए उन्होंने पार्टी ही छोड़ दी। पिछले साल उन्होंने खुद सोनिया गांधी के सामने इस्तीफा देने की इच्छा जताई थी।