दर्द से कराहती रही गर्भवती महिला…अस्पताल में नहीं मिला इलाज तो फर्श पर दे दिया बच्चे को जन्म 

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फर्श पर बिखरा महिला का खून

खून से लथपथ महिला को स्ट्रेचर तक मुहय्या नहीं करवा सका अस्पताल स्टाफ..महिला को चला कर पहुंचाया लेबर रूम तक

इंसानियत को शर्मसार कर रहे थे अस्पताल के फर्श पर पड़े खून से लथपथ महिला के पैरों के निशान 

टाकिंग पंजाब

पंजाब। पठानकोट के सिविल अस्पताल में हुई एक घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। जनता को मेडिकल सेवाएं देने का दावा करने वाले सरकारी अस्पतालों की पोल इस घटना ने खोलकर रख दी है। मामला पठानकोट के सिविल अस्पताल का है, जहां पर एक गर्भवती प्रवासी महिला की किसी ने सुध नहीं ली, जिसके कारण उक्त महिला की डिलीवरी अस्पताल के फर्श पर ही हो गई। ​इंसानियत किस कदर मर चुकी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब उक्त महिला दर्द से कराह रही थी तो किसी भी डॉक्टर ने उसका इलाज करना जरूरी नहीं समझा।

   डॉक्टरों ने तो उक्त महिला को अमृतसर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया, लेकिन महिला को लेबर पेन इतनी तेज हो रही थी कि महिला ने अस्पताल के रिसेप्शन के पास फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। बच्चे को जन्म देने के बाद उक्त महिला खून से लथपथ फर्श पर ही लेटी रही, लेकिन किसी भी अस्पताल के स्टाफ ने खून से लथपथ महिला लेबर रूम तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं करवाया।

   पत्थर दिल की ​इंतहा देखिए कि उक्त खून से लथपथ बच्चे को जन्म देने वाली महिला को पैदल ही चला कर लेबर रूम तक ले जाया गया ओर जब वह महिला अस्पताल में चल रही थी ​तो उसके पैरों में लगे उसके ही खून के निशान फर्श पर साफ दिखाई दे रहे थे। अस्पताल में अपनी गर्भवती पत्नी को लाने वाले उसके पति जंग बहादुर का कहना था कि उसकी पत्नी को तेज लेबर पेन हो रही थी। उसने अस्पताल में स्टाफ व डॉक्टरों को निवेदन किया कि उसकी पत्नी की हालत ठीक नहीं है, उसे दाखिल कर लिया जाए, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी।

   इतने बड़े भवंडर के बाद अस्पताल के सीनियर मेडिकल सुपरिटेंडेंट अपने पैरों पर पानी पड़ने नहीं दे रहे थे। एमएस सुनील चांद ने कहा है कि जिस महिला की डिलीवरी हुई है, वह उसकी पांचवी डिलीवरी थी। महिला के पास अल्ट्रासाउंड या अन्य टेस्टों की कोई रिपोर्ट नहीं थी। स्टाफ ने महिला के पति को टेस्ट व अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा था, लेकिन इसी दौरान महिला की डिलीवरी हो गई। एमएस की इन बातों से पता चलता है कि उनके लिए कागजी कार्रवाई पहले जरूरी थी, न कि उक्त महिला का इलाज देना जो कि दर्द से तड़प रही थी।

  इस बात के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही सरकार के विरोधियों ने पंजाब की भगवंत मान सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। भाजपा के प्रवक्ता व दिल्ली सोशल मीडिया व आईटी विंग के प्रभारी शहजाद जय हिंद ने अपने ट्वीट में लिखा है कि एक गरीब परिवार की महिला को अस्पताल ने लेबर रूम में नहीं जाने दिया व उसे पठानकोट के सिविल अस्पताल में फर्श पर बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा है कि यह है आम आदमी पार्टी का विश्व स्तरीय हेल्थ मॉडल। प्रचार व विज्ञापनों पर पैसा खर्च किया जा रहा है, लेकिन गरीबों को प्रताड़ित किए जा रहा है।

   इसके बाद एक ट्वीट कर उन्होंने लिखा है कि सच में भगवंत मान जी “साडा कम बोलदा है” तुहाडा कारनामा बोल रहा है। इसके अलावा आम जनता की तरफ से की गई टिप्पणीयों की सोशल मीडिया पर बाढ़ आ गई है। अब देखना होगा ​कि इस घटना पर पंजाब के सेहत मंत्री व मुख्यमंत्री क्या कार्रवाई करते हैं।

आभार-डीबी

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