पंजाब विधानसभा सत्र में विरोधी पार्टीयों का हंगामा.. सदन से उठकर चले गए शिअद विधायक

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सीएम मान ने कांग्रेसियों से कहा.. वह नकली सीएम के साथ थे, कांग्रेस को कांग्रेस (आइ) लिखने के बजाय कांग्रेस (भाजपा) लिखना चाहिए

हंगामे के बीच विजिलेंस कमीशन रीपील बिल 2022, पंजाब गुड्स एंड सर्विस टैक्स संशोधन बिल व पंजाब विलेज कामन लैंड रेगुलेशन बिल हुए पास

टाकिंग पंजाब

चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के चल रहे सत्र के तीसरे दिन भारी हो-हल्ला हुआ। विधानसभा में आज जहां नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने फौजा सिंह सरारी को बर्खास्त करने की मांग की। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कांग्रेस पर वार ही वार कर डाला। उन्होंने कांग्रेसी नेताओं को कहा कि वह सभी नकली सीएम के साथ थे। कैप्टन अमरिंदर भाजपा के साथ मिले हुए थे, इसलिए कांग्रेस को कांग्रेस (आइ) लिखने के बजाय कांग्रेस (भाजपा) लिखना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष मंत्री फौजा सिंह सरारी की बर्खास्तगी को लेकर सीएम से जवाब मांगते रहे।

 इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मानने जैसे ही विजिलेंस कमीशन रीपील बिल 2022 को पेश किया, कांग्रेस विधायक वेल में आ गए। सीएम मान की तरफ से पेश विजिलेंस कमीशन रीपील बिल 2022 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई, जिसके बाद शिअद विधायक सदन से उठकर चले गए। इसके अलावा सदन में महत्वपूर्ण बिल पंजाब गुड्स एंड सर्विस टैक्स संशोधन बिल व पंजाब विलेज कामन लैंड रेगुलेशन बिल बिना बहस के पास हो गया।

   इस दौरान विरोधी पार्टी के नेता एक दूसरे पर तीखी टिप्पणीयां करते दिखे, जिसका स्पीकर ने गंभीरता से नोटिस लिया। आप विधायक कुलवंत सिंह पंडोरी ने एसजीपीसी के लंबित चुनाव का मुद्दा उठाया तो कांग्रेसी विधायक सुखविंदर कोटली ने आदमपुर में बनने वाले पुल का मामला उठाया। गुरप्रीत गोगी ने प्राइवेट स्कूलों की फीसों का मामला उठाया तो कांग्रेसी विधायक हरदेव सिंह लाडी ने कहा की पिछले साल अपग्रेड किए स्कूलों में दाखिला नहीं दिया जा रहा।

संदीप जाखड़ ने फाजिल्का को मिलने वाले 32 करोड़ की बात की तो अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अभी तक तीन महीने से वेतन नहीं मिला। इस दौरान एक बड़ी बात यह सामने आई कि कांग्रेसी विधायक सुखपाल सिंह खैहरा को बोलने के लिए समय ही नहीं मिला। खैहरा शून्यकाल में कोई मुद्दा उठाना चाहते थे, लेकिन स्पीकर ने समय नहीं दिया। स्थिति यहां तक बन गई की खैहरा अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए अकेले ही वेल तक में पहुंच गए। स्पीकर ने सदन में यहां तक कह दिया कि कोई भी ऐसा सत्र नहीं है जब खैहरा को बोलने का मौका नहीं दिया गया हो, लेकिन वह चेयर को डिक्टेट नहीं कर सकते हैं।

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